ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 28 मार्च
हरियाणा में नायब सरकार के कैबिनेट विस्तार के खिलाफ एक और शिकायत चुनाव आयोग पहुंची है। जगाधरी (यमुनानगर) के सतपाल कौशिक ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार पर आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इससे पहले एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा मंत्रिमंडल विस्तार को चुनौती दे चुके हैं।
नीरज शर्मा की शिकायत पर हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जवाब मांग चुके हैं। हालांकि मुख्य सचिव की ओर से अभी तक निर्वाचन आयोग को इस चिट्ठी का जवाब नहीं भेजा है। 19 मार्च को नायब सरकार ने कैबिनेट का विस्तार करते हुए मंत्रिमंडल में एक कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार वाले 7 राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।
अब सतपाल शर्मा द्वारा भेजी गई शिकायत में कहा है कि चुनावों की घोषणा के तुरंत बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता में कैबिनेट का विस्तार करना कानून के खिलाफ है। उनका कहना है कि हरियाणा राजभवन में मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम हुआ। इससे भाजपा का भी प्रचार हुआ। यही कार्यक्रम सरकारी खर्चे पर हुआ और इसमें हरियाणा सरकार के उच्चाधिकारी भी शामिल हुए। नियमों के हिसाब से ऐसा नहीं हो सकता।
सतपाल कौशिक का कहना है कि चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले ही प्रदेश के मुख्य सचिव संजीव कौशल लम्बी छुट्टी पर चले गए। प्रदेश में कोई भी स्थाई मुख्य सचिव नहीं है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और एफसीआर टीवीएसएन प्रसाद को मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है। यानी प्रदेश में एक ही व्यक्ति को मुख्य सचिव, गृह सचिव और एफसीआर के पद पर नियुक्त किया गया है।
इससे साफ है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है। राज्य के गृह सचिव का कार्य पुलिस प्रशासन पर नियंत्रण करना होता है और एफसीआर का कार्य सिविल प्रशासन को नियंत्रित करने का है। मुख्य सचिव प्रदेश के सभी विभागों का एक मुखिया होता है। कौशिक ने कहा कि इस फैसले से सरकार की नीयत में खोट नज़र आ रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाना चाहती है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के मतदाताओं में निष्पक्ष चुनाव को लेकर शंका की स्थिति बनी हुई है।