जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 28 अप्रैल
लोकसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के 3 बड़े दिग्गजों नेताओं- पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की बड़ी राजनीतिक परीक्षा जींद जिले में होगी। इनमें बीरेंद्र सिंह और सुरजेवाला जींद जिले से हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की ननिहाल यहां है। तीनों दिग्गजों को जींद जिले में कांग्रेस को 15 साल के बेहद खराब प्रदर्शन से उबारना होगा। जींद जिले में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन के साथ इन तीनों दिग्गजों की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा भी जुड़ी होगी।
हरियाणा की राजनीति को दिशा देने वाले जींद जिले में कांग्रेस पार्टी के खराब चुनावी प्रदर्शन का सिलसिला 2009 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ था। जब जींद जिले में कांग्रेस पार्टी को सभी पांचों विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। जिले की पांचों विधानसभा सीट इनेलो की झोली में गई थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में फिर जींद जिले में कांग्रेस के हाथ सीटों के मामले में पूरी तरह से खाली रहे थे।
2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 5 में से केवल एक विधानसभा सीट सफीदों में समाज सेवा के दम पर सुभाष गांगोली ने जीत दिलवाई थी। इससे पहले, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी का जींद जिले में चुनावी प्रदर्शन बेहद दयनीय रहा था। जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र जींद, सफीदों और जुलाना सोनीपत संसदीय क्षेत्र में आते हैं। 2019 में सोनीपत से कांग्रेस ने अपने सबसे हैवीवेट प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को मैदान में उतारा था।
हुड्डा को जींद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के रमेश कौशिक के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। उस समय यह माना जा रहा था कि जुलाना में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को भाजपा के रमेश कौशिक पर बढ़त हासिल होगी, लेकिन बढ़त रमेश कौशिक को मिली थी। सफीदों में कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र हुड्डा भाजपा के रमेश कौशिक से लगभग 40000 मतों के अंतर से हारे थे, तो जींद में भी उनकी हार का अंतर लगभग 30000 मतों का रहा था।
हिसार संसदीय क्षेत्र में आने वाले जींद जिले के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से भी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा के बृजेंद्र सिंह को उचाना कलां से भारी बढ़त मिली थी। सिरसा संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले नरवाना विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा की सुनीता दुग्गल को कांग्रेस पर भारी बढ़त मिली थी।
कांग्रेस दिग्गजों का जींद से खून का रिश्ता
कांग्रेस के तीन दिग्गज नेताओं का जींद जिले से खून का रिश्ता है। इनमें हाल ही में भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह खुद जींद जिले के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र के डूमरखां कलां गांव से हैं। बीरेंद्र सिंह 40 साल कांग्रेस में रहे। अब भाजपा में लगभग 10 साल रहने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का गृह जिला भी जींद है। वे नरवाना विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सूरजाखेडा गांव से हैं। सुरजेवाला नरवाना से 1996 और 2005 में विधायक बने। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की ननिहाल भी जींद जिले के डूमरखां कलां गांव में है। हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा हर मौके पर यह दुहाई देते हैं कि उनका जींद से खून का रिश्ता है।