चंडीगढ़, 25 नवंबर (ट्रिन्यू)
प्रदेशभर में आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यरत हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब सुपरवाइजर बनने के लिए परीक्षा पास नहीं करनी होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग अपने सेवा नियमों में बदलाव किया है। इससे विभागीय पदोन्नति का रास्ता साफ होग। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों अनुसार शीघ्र प्रक्रिया शुरू होगी। यही नहीं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को साल में मानदेय के साथ एक माह का चिकित्सा अवकाश भी मिलेगा।
बृहस्पतिवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा से आंगनवाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्स यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ में मुलाकात की। इस दौरान वर्कर्स एवं हेल्पर्स की अन्य मांगों पर भी सहमति बनी। सहमति बनने के बाद यूनियन ने अपना आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया। यूनियन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष कुंज भट्ट के नेतृत्व में राज्य मंत्री से मिला। बीते दिनों से चल रहे आंदोलन को लेकर उन्होंने अपनी बात रखी। ढांडा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक हेमा शर्मा, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) हितेंद्र कुमार, राजबाला कटारिया एवं पूनम रमन के साथ चर्चा की। डेढ़ दर्जन मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। राज्यमंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से सुपरवाइजर बनने के लिए आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा पास करनी होती थी। अब 50 प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति से भरने के लिए सेवा नियमों में संशोधन होगा। इससे हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हर साल में मानदेय सहित एक माह का चिकित्सा अवकाश दिया जाएगा। ढांडा ने कहा कि प्रदेश में किराये के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों के किराए संबंधी अड़चनों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता को लिखा गया है। अब वर्कर्स व हैल्पर्स को मानदेय महीने की 7 तारीख तक देना सुनिश्चित किया जाएगा। पोषण ट्रैकर एप को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सभी संशय को दूर किया जाएगा। मोबाइल एप के माध्यम में न केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि कागजी कार्रवाई में भी कमी आएगी। इसके लिए कार्यकर्ता को 500, सहायिका को 250 रुपये दिए जाएंगे।
इन मांगों पर भी बनी बात
बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुशल व अर्धकुशल श्रेणी में निर्धारण पर सहमति बनाई गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं को आयुष्मान योजना के दायरे में लाने, गैस सिलेंडर की दरों में बढ़ोतरी के अनुरूप राशि बढ़ाने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मृत्यु अथवा सेवानिवृत्ति पर एलआई से मुआवजा देने, कोरोना में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को 20 लाख रुपये की राशि देने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर सहमति बनी।