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Ambala News: ‘दिल’ के आयुष्मान रोगियों के जीवन से खिलवाड़, अस्पताल में नहीं डाला जा रहे स्टंट

प्राइवेट अस्पताल तो डाल रहे आयुष्मान स्टंट, लेकिन नागरिक अस्पताल दे रहा जवाब
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र, अंबाला शहर, 4 मार्च

Ambala News: अंबाला छावनी में करोड़ों की लागत से स्थापित की गई अत्याधुनिक हार्ट केअर कैथ लैब से दिल से संबंधित बीमारी से ग्रस्त उन मरीजों को आयुष्मान के अंतर्गत स्टंट नहीं डाले जा रहे जो बड़ी उम्मीद से यहां पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष फरवरी के बाद से यहां आयुष्मान कार्ड धारकों को स्टंट नहीं डाला गया। एक वर्ष में औसतन सवा से डेढ़ हजार मरीज यहां पहुंचते हैं जिनमें आयुष्मान वाले भी शामिल हैं।

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दरअसल जब एक मरीज को बताया गया कि उसके स्टंट डालना बहुत जरूरी है तो वह अपने परिचित को लेकर छावनी के नागरिक अस्पताल में पहुंचा, लेकिन यहां अस्पताल वालों ने हाथ खड़े कर दिए और उन्हें परामर्श दिया कि वे बाहर किसी दूसरे अस्पताल से अपना इलाज करवा लें। इस पर सीएमओ डॉ. राकेश सेहल से संपर्क साध कर उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई तो उन्होंने वहां के एक डाक्टर का नाम देकर उनसे मिलने को बोला। जब संबंधित मरीज का परिचित उन डाक्टर से मिलने पहुंचा तो उन्होंने अपने अधीक्षक को बात करने को कहा। सारी बात सुनने के बाद उन्होंने भी स्पष्ट जवाब दे दिया और बताया कि आयुष्मान वालों के इलाज के पैसे सरकार नहीं दे रही जिस कारण यहां किसी के आयुष्मान स्टंट नहीं डाले जा रहे।

आखिरकार परेशान मरीज ने चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल से आयुष्मान कार्ड पर ही अपना इलाज करवाते हुए स्टंट डलवा कर अंबाला छावनी नागरिक अस्पताल पर सवालिया निशान लगा दिया। जब बाहर का प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान कार्ड के आधार पर किसी मरीज का इलाज कर सकता है तो अंबाला छावनी में पीपीपी मोड पर चलने वाली कैथ लैब क्यों नहीं, आखिरकार चंडीगढ़ के अस्पताल को भी तो आयुष्मान की पेमेंट मिल ही रही होगी।

दरअसल, छावनी के नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर करीब पौने दो करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई कैथ लैब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर केरला के कुल्लम जिला की कंपनी के सहयोग से दिसंबर 2017 में 10 साल के करार के साथ तैयार किया गया था। यह किसी भी नागरिक अस्पताल में पीपीपी मोड पर बनाई गई प्रदेश की पहली कैथ लैब थी। अंबाला में शुरू की गई कैथ लैब देश की सबसे अत्याधुनिक यूनिट है जहां हॉलैंड की मशीनें लगाई थी। इस लैब पर ह्दय रोग संबधी ओपीडी, आईसीयू, ईको कार्डियोग्राफी, टीएनटी, होल्टर, एंजोग्राफी, स्टंट, पेसमेकर व ह्दय रोग से जुडी अन्य बीमारियों की जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह क्षेत्र में बनी इस कैथ लैब से आशा बंधी थी कि बहुत से लोगों को अब आसानी से अंबाला में ही स्टंट डल जाएंगे। यह डलते भी रहे लेकिन आयुष्मान के मरीजों के इलाज का पैसा नहीं मिलने के बाद से इसे बंद कर दिया गया। इस कैथ लैब में हर्ट के मरीजों को 40 तरह की अलग-अलग सुविधाएं दी जानी थी। उस समय स्वास्थ्य मंत्री ने कई और शहरों में ऐसी कैथ लैब बनाने की घोषणा भी की थी।

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आयुष्मान के पैनल पर पंजीकृत आईएमए से जुड़े सभी डाक्टर संबंधित मरीजों को बिना किसी रुकावट के उपचार कर रहे हैं। आम तौर पर भुगतान भी नियमित ही मिल रहा है, यदि किसी मरीज की फाइल में कोई दिक्कत होती भी है तो कुछ दिन बाद भुगतान आ जाता है। -डा. सतपाल बहल, अध्यक्ष आईएमए, अंबाला।

कैथ लैब सीधे स्वास्थ्य विभाग से नहीं बल्कि पीपीपी मोड पर है जिन्हें आयुष्मान कार्ड पर किए गए उपचार का भुगतान नहीं मिलने की बात कही जा रही है। संंबधित एजेंसी को स्पष्ट निर्देश हैं कि वह किसी को स्टंट डालने से मना नहीं करे। अभी वहां प्रभारी डाक्टर ड्यूटी संभाल रहे हैं शीघ्र ही सारी व्यवस्था ठीक हो जाएगी। -डॉ राकेश सेहल, सिचिल सर्जन अंबाला।

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