Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

इंद्रजीत की बपौती नहीं है अहीरवाल : कापड़ीवास

रेवाड़ी, 10 अक्तूबर (हप्र) रेवाड़ी से भाजपा के पूर्व विधायक व वरिष्ठ नेता रणधीर सिंह कापड़ीवास ने गुरुग्राम सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर दिये गए बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
रणधीर सिंह कापड़ीवास
Advertisement

रेवाड़ी, 10 अक्तूबर (हप्र)

रेवाड़ी से भाजपा के पूर्व विधायक व वरिष्ठ नेता रणधीर सिंह कापड़ीवास ने गुरुग्राम सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर दिये गए बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अहीरवाल राव इंद्रजीत सिंह की बपौती नहीं है। अहीरवाल की 11 में से 10 सीटें जीतने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व मुख्यमंत्री नायब सैनी की नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि खट्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान बगैर पर्ची-खर्ची के नौकरियां दीं, इसका सीधा लाभ आम आदमी को मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जहां नौकरियां बिकती थीं, भाजपा शासन काल में बगैर पर्ची-खर्ची के युवाओं को नौकरियां मिलीं। सबसे ज्यादा इसका लाभ अहीरवाल के युवाओं को मिला।

Advertisement

वहीं खट्टर ने दक्षिण हरियाणा में अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने का काम किया और करप्शन पर काफी हद तक अंकुश लगाया। पत्रकारों से बातचीत में कापड़ीवास ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के मिलनसार स्वभाव ने जनता का दिल जीतने का काम किया। इसी का परिणाम है कि यहां के लोगों ने दिल खोलकर भाजपा को वोट दिया और कांग्रेस का सफाया किया। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खट्टर पर राव इंद्रजीत का बयान बेहद निंदनीय है। खट्टर ने बांटने की बजाये पूरे प्रदेश के लोगों को जोड़ने का काम किया। राव इंद्रजीत सिंह का यह कहना कि खट्टर ने नए नेता बनाने का काम किया तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने सवाल किया क्या एक परिवार के लोग ही नेता बन सकते हैं, आम घरों के बच्चों को इसका अधिकार नहीं है। कापड़ीवास ने कहा कि राव इंद्रजीत के जनाधार की हकीकत इस विधानसभा चुनाव में सामने आ चुकी है। उन्होंने अपनी बेटी आरती राव के लिए मनपसंद सीट अटेली को चुना, लेकिन यहां पर अंतिम राउंड तक वह जीत के लिए तरसते हुए दिखाई दी। महज 2500 वोट से जितना इस बात का प्रमाण है कि यहां उनका कोई जनाधार नहीं है। अगर जनाधार होता तो बेटी के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नहीं बुलाना पड़ता।

Advertisement
×