जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 17 नवंबर
अम्बाला नगर निगम की तीसरी सामान्य बैठक में भी पूर्व अनुमानों के अनुसार आज अन्य विभागों के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। एक मनोनीत पार्षद को शपथ दिलाने पर दूसरे पार्षद द्वारा आपत्ति दर्ज किए जाने के बाद से शुरू हुए टकराव के चलते बैठक लंच के बाद एजेंडे पर चर्चा किए बिना ही स्थगित कर दी गई। इस दौरान एजेंडे पर हुए मतदान में मेयर के पक्ष में 9 तथा विपक्ष में मनोनीत पार्षदों को मिलाकर 11 मत पड़े। बैठक के पहले सत्र में वार्ड 18 में नए बने पार्क की दीवार को लेकर गलत रिपोर्ट देने वाले तत्कालीन जेई के खिलाफ निगम आयुक्त ने कार्रवाई के आदेश दिए। आज नगर निगम हाउस की मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें 20 में से 19 पार्षद शामिल होने के लिए पहुंचे। बैठक की अध्यक्षता मेयर शक्ति रानी शर्मा ने की। इस मौके पर नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खडगटा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
दोपहर बाद प्रारंभ हुई बैठक में जैसे ही एजेंडे पर चर्चा प्रारंभ हुई, भाजपा पार्षदों ने एजेंडे पर ही एतराज जता दिया। हजपा के राजेश मेहता और कांग्रेस के मिथुन वर्मा ने एजेंडे पर वोटिंग करवाने की चुनौती दी। इसे भाजपा ने स्वीकार कर लिया। जब वोटिंग हुई तो मनोनीत पार्षदों और एक अन्य पार्षद ने भाजपा के हक में हाथ खड़े कर दिए तो मनोनीत पार्षदों को वोट के अधिकार को लेकर रार पड़ गई। इसके बाद मेयर ने मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार मामले में कानून के जानकारों और निदेशालय से स्पष्टीकरण लेने की बात कहकर बैठक एजेंडे पर बिना चर्चा करवाए ही स्थगित कर दी। मनोनीत पार्षद एडवोकेट संदीप सचदेवा का कहना है कि वे अविश्वास प्रस्ताव और उप मेयर के चुनाव में वोटिंग नहीं कर सकते लेकिन किसी अन्य प्रस्ताव पर वोट करने का अधिकार उन्हें नगर निगम अधिनियम देता है।
मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के मामले में भी गतिरोध
दोपहर पूर्व के सत्र में मनोनीत पार्षद सुरेश सहोता को शपथ दिलाने से कार्यवाही शरू हुई लेकिन दूसरे मनोनीत पार्षद को मेयर ने आपत्ति आने के कारण तुरंत शपथ दिलाने से मना कर दिया। उनके मनोनयन के लिए कांग्रेस के एडवोकेट पार्षद मिथुन ने लिखित आपत्ति जताई थी कि संदीप सचदेवा नगर निगम के पैनल वकील होने के कारण लाभ के पद पर हैं, ऐसे में उन्हें मनोनीत नहीं किया जा सकता। हालांकि नगर निगम आयुक्त ने सदन को बताया कि संदीप सचदेवा ने कल शाम ही पैनल अधिवक्ता के रूप में कार्यभार छोड़ दिया है।
मेयर ने कहा कि जिला न्यायविद की सलाह आने के बाद ही वे शपथ दिलाएंगी। आखिर राय मिलने के बाद मेयर ने संदीप सचदेवा को भी पद की शपथ दिला दी।
नोक-झोंक के बीच चली बैठक
आज भी बीच-बीच में पार्षद एक दूसरे को ललकारते दिखे। भाजपा के हितेष जैन ने नगर निगम अधिनियम के तहत एक धारा संबंधी दिशा-निर्देश पढ़ने को कहा तो हजपा के राजेश मेहता ने टिप्पणी कर दी कि घर से पढ़कर आया करो। मनोनीत सदस्य संदीप सचदेवा ने कहा कि पढ़ना तो सबको यहीं पड़ेगा, देखते रहो कि वे क्या क्या पढ़ाएंगे। सचदेवा की इस टिप्पणी का हजपा पार्षदों ने विरोध किया। मेयर ने भी संदीप सचदेवा से कहा चूंकि उन्होंने अभी पद की शपथ नहीं ली, वे इस प्रकार से सदन को संबोधित नहीं कर सकते। वे सदन से माफी मांगें अथवा सदन द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का सामना करें। संदीप द्वारा यह स्वीकार किए जाने के बाद मामला समाप्त हो गया कि शपथ लेने से पहले उन्हें नहीं बोलना चाहिए था।