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रतिया गांवों के बाद पानी अब शहर में घुसा

बाढ़ का विकराल रूप, घग्गर में जलस्तर 18 फुट से ऊपर, लोगों को निकालने के लिए सेना ने चलाया अभियान
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रतिया में सोमवार को सेना की टीम बाढ़ में फंसे गांव के लोगों को बाहर निकालती हुई। -निस
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रतिया, 17 जुलाई (निस)

क्षेत्र में बाढ़ ने विकराल रूप धारण किया हुआ और कई गांव जलमग्न है। पानी अब रतिया क्षेत्र के चारों और शहर में भी प्रवेश कर गया है। सोमवार शाम तक घग्गर नदी में पानी का लेवल 18 फुट से ऊपर चल रहा था। गनीमत रही कि रविवार रात से सोमवार शाम तक घग्गर नदी में पानी का स्तर और अधिक नहीं बढ़ा। अब पानी कम होने के समाचार हैं। वहीं शहर में गुम्मटसर गुरुद्वारा व लाली रोड पर घग्गर नदी आसपास की कुछ रिहायशी क्षेत्र में भी पानी पहुंच गया है। इधर, एसडीएम जगदीश चंद्र अपनी पूरी टीम के साथ दिन-रात गांवों और शहरी क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए काम करते नजर आये।

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रतिया में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए अधिकारियों व गणमान्य लोगों की बैठक लेते एसडीएम। -निस

8 राहत शिविर लगाये

एसडीएम जगदीश चंद्र ने बाढ़ के हालात को देखते हुये अधिकारियों और गणमान्य लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों के बचाव के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से पानी की निकासी, बांध से बचाव से संबंधित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। एसडीएम जगदीश चंद्र ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए सेना की टीम जुटी हुई है। बाढ़ ग्रस्त लोगों के लिए संस्थाओं के सहयोग से 8 राहत शिविर बनाए गए हैं।  एसडीएम जगदीश चंद्र ने कहा कि इस वक्त सभी को मिलजुल कर इस आपदा से निकलने का प्रयास करने चाहिए और अफवाहें फैलाने वालों से हमें दूर रहना चाहिए। बाढ़ ग्रस्त लोगों के लिए दवाइयों की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। क्षेत्र की सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं जिस तरह से प्रशासन के साथ मिलकर सहयोग करते हुए गांव गांव लंगर और बाढ़ ग्रस्त लोगों को अन्य सहायता उपलब्ध करवा रही है वह सराहनीय है। लोगों की सेवा के लिए दो कंट्रोल रुम नंबर (01697-250048 व 7015524078) स्थापित किए गए हैं।

सेना की चार टुकड़ियों ने शुरू किया राहत कार्य

फतेहाबाद (निस) :  गांव रजाबाद के पास सोमवार को रंगोई नाला ओवरफलो हो गया है। जिले में कई जगहों पर घग्घर और रंगोई नाला टूटने या ओवरफ्लो होने के चलते स्थितियां बेकाबू हुई। सेना की चार टुकड़ियों ने सोमवार को राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिये। अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने भी जिले का दौरा किया और प्रशासन के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर बाढ़ प्रबंध के कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग भवन के साथ-साथ कई स्कूलों में राहत कैंप बना दिए हैं। तो वहीं शहर की समाजसेवी संस्थाओं व एनजीओ के साथ मीटिंग कर मदद को तैयार रहने को कहा गया है। गुहला चीका, खनौरी से पानी उतरने तथा फतेहाबाद जिले में काफी जगह से पानी बाहर निकलने के बावजूद चांदपुरा साइफन पर पानी का बहाव कम नहीं हुआ है और लगातार तीसरे दिन खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। यहां आज भी 22 हजार क्यूसिक से ज्यादा पानी दर्ज किया गया।

चेतावनी निशान से थोड़ा नीचे यमुना

पानीपत (निस) : गांव नवादा आर व पत्थरगढ़ के बीच टूटे हुए यमुना के तटबंध को पूरी तरह से ठीक कर दिया गया है और अब तटबंध की मजबूती के लिये मिट्टी के कट्टे लगाये जा रहे है। वहीं यमुना में पहले के मुकाबले जल स्तर कुछ कम हुआ है लेकिन यमुना में सोमवार को भी 230.59 मीटर पर पानी चल रहा है जबकि चेतावनी का लेवल 231 मीटर और खतरे का 231.50 मीटर है। यमुना में अभी भी चेतावनी निशान से थोड़े नीचे पानी चल रहा है। यमुना के टूटे हुए तटबंध का एक दर्जन से ज्यादा गांव के खेतों में भरा हुआ पानी कम हो चुका है।

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