फतेहाबाद (हप्र) : कनीना स्कूल बस हादसे के बाद प्रशासन द्वारा बरती जा रही सख्ती से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। इसका नतीजा यह रहा कि आज भारी संख्या में स्कूल बसें फिटनेस चैकिंग व पासिंग के लिए हुडा ग्राउंड में पहुंच गईं। 3 दर्जन से ज्यादा बसें लाइनों में लग गईं, लेकिन हैरानी जनक बात रही कि मात्र 5-6 बसें ही पास हो सकीं। अधिकतर बसें छोटी से लेकर बड़ी खामियों के चलते रिजेक्ट कर दी गईं। ज्यादा संख्या में बसें आने के कारण पासिंग के लिए आम लोग काफी परेशान दिखे, क्योंकि उनका नंबर नहीं लगा। आरटीए कार्यालय के अधिकारियों ने क्रमवार सभी बसों को तसल्ली से चैक किया। अधिकतर बसें नियमों पर खरा नहीं उतर पाईं। इससे खुलासा हो गया कि स्कूल संचालक बिना फिटनेस पासिंग के ही बसों को चलाकर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे थे, वहीं यह भी सामने आया कि अब तक न तो ट्रैफिक पुलिस ने और न ही आरटीए विभाग ने कभी बसों को चेक करने की जहमत उठाई। कनीना हादसे के बाद से ही प्रशासन की आंखें खुली हैं। चैकिंग टीम के जितेंद्र कुमार ने बताया कि अमूमन महीने में चार-पांच बसें ही पासिंग के लिए आती हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही दिन में 35 से 40 बसें चैकिंग करवाने पहुंचीं। दो-तीन स्कूल ऐसे थे, जिनकी चार-चार बसें एक साथ रिजेक्ट कर दी गईं। हैरानी की बात रही कि चेक हो चुकी 20 से ज्यादा बसों में से 2-3 बसें ही नियमों पर खरा उतरीं।