प्राकृतिक खेती के विस्तार के लिए बनेगी राष्ट्रीय कमेटी : शिवराज सिंह चौहान
विनोद जिन्दल/हप्र।
कुरुक्षेत्र, 22 फरवरी
राज्यपाल आचार्य देवव्रत का प्राकृतिक कृषि मिशन अब पूरे देश में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के रूप में एक जनांदोलन का आकार लेगा और देश का किसान प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल आर्थिक रूप से संपन्न होगा बल्कि खेती की इस पारंपरिक तकनीक से भूमि की उर्वरा शक्ति में भी सुधार होगा। ये शब्द शनिवार को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहे। उन्होंने फार्म पर गेंहू, चना, गन्ना व सरसों की मिश्रित फसलों को देखा और इस पर विस्तार से चर्चा की। आचार्य देवव्रत को उन्होंने प्राकृतिक खेती को देश-दुनिया के पटल पर एक सफल मॉडल के रूप में स्थापित करने के लिए ‘कृषि-ऋषि’ की उपाधि से नवाजा। मौके पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, कृषि मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, ज्वाइंट सेक्रेटरी फ्रेंकलिन एल खोबांग, पूर्णचन्द्र कृष्ण, डिप्टी सेक्रेटरी रचना कुमार, डॉ. गगनेश शर्मा, कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिओम, डॉ. बलजीत सहारण, डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार समेत अधिकारी व कृषि विशेषज्ञ मौजूद रहे।
फार्म पर केंद्रीय मंत्री ने ड्रेगन फ्रूट, सेब व खजूर की बागवानी का मुआयना की और इसे अद्भुत बताया क्योंकि हरियाणा की जमीन पर सेब और खजूर की खेती की कल्पना भी कोई नहीं कर सकता, मगर आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन में गुरुकुल के फार्म पर ये करिश्मा हो रहा है। उन्होंने लहसुन, प्याज, ब्रोकली, मटर व गोभी आदि सब्जियों की फसलों के रंग और गुणवत्ता को सराहा, साथ ही लगभग 5 किलो वजन की शलगम और 15 फीट ऊंचे गन्ने को देख अचरज जताया। गुरुकुल के क्रेशर पर केंद्रीय मंत्री और आचार्य ने स्वयं कोल्हू में गन्ना लगाया और यहां गुड़, शक्कर व खांड बनाने की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से जाना। उन्होंने क्रेशर पर गर्म गुड़ का स्वाद भी चखा। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि जल्द ही प्राकृतिक खेती के विस्तार और इसकी मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय कमेटी बनाई जाएगी। साथ ही प्रदेश स्तर पर भी ऐसी कमेटियों को गठन होगा जिससे प्रगति रिपोर्ट डीडीओ के माध्यम से सरकार पर जाएगी।
इससे पूर्व गुरुकुल पहुंचने पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत समेत गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, उप प्रधान मा. सतपाल काम्बोज, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, डॉ. हरिओम, डॉ. बलजीत सहारण, रामनिवास आर्य ने उनका स्वागत किया। यहां मंत्री ने गुरुकुल की एनडीए विंग, आर्ष महाविद्यालय, देवयान विद्यालय भवन समेत अत्याधुनिक गोशाला का मुआयना किया। गोशाला में गायों के उत्तम स्वास्थ्य, दूध देने की क्षमता और देश नस्लों के संवर्धन के बारे में आचार्य ने विस्तार से बताया। अंत में राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा केन्द्रीय मंत्री व अन्य अतिथियों को ‘ओ३म्’ का स्मृति-चिह्न एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।