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कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक मनेगा 9वां अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव

5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक होंगे मुख्य कार्यक्रम, तंजानिया होगा कंट्री पार्टनर
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चंडीगढ़ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी एवं अन्य गणमान्य कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन का निमंत्रण पत्र जारी करते हुए।
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चंडीगढ़, 22 नवंबर (ट्रिन्यू)

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भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाले स्थल और 'श्रीमद्भगवद्गीता' की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर वर्ष 2016 से मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार 9वें अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत एक अनूठे ढंग से की है। आयोजन के भागीदार देश तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीशा कपुफी मोबेगा और भागीदार राज्य ओडिशा के संस्कृति राज्य मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मीडिया से मुखातिब होते हुए इस महोत्सव के संबंध में अपने विचार रखे। गीता जयंती महोत्सव में अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा।

यह आयोजन 28 नवंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगा। 18 दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेंगे, जिसकी शुरुआत 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता यज्ञ एवं पूजन के साथ होगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में हर समस्या का समाधान निहित है। यह एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है, जिसको दुनिया के बड़े- बड़े अर्थशास्त्रियों ने अपनी प्रेरणा माना है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार का उद्देश्य है कि गीता के संदेश को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया सहयोगी देश तथा ओडिशा सहयोगी राज्य होगा। गत फरवरी माह में आयोजित किये गये अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में भी तंजानिया सहभागी देश था। उन्होंने कहा कि तंजानिया में भारतीय प्रवासी श्री रामायण और श्रीमद्भगवद् गीता के पाठ का आयोजन करते हैं। वहां हिन्दू मंदिर भी हैं, जो भारतीय संस्कृति को तंजानिया से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सहयोगी राज्य ओडिशा के जगन्नाथपुरी, कोणार्क सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर के लिंगराज व मुक्तेश्वर मंदिर आदि तीर्थ सनातन संस्कृति के गौरव हैं, जिनकी झलक इस महोत्सव में देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 2016 से लगातार विगत 8 वर्षों से इस महोत्सव को अपार सफलता और लोकप्रियता मिली है। लाखों लोग देश विदेश से इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है।

तंजानिया के साथ हरियाणा का आर्थिक और सामाजिक रूप से है गहरा नाता

मुख्यमंत्री ने कहा कि तंजानिया के साथ हरियाणा का रिश्ता बहुत पुराना है। तंजानिया में हरियाणा से दो बार प्रतिनिधिमंडल गए हैं, जिसमें उद्योगपति, किसान शामिल थे। तंजानिया अफ्रीका का गेटवे है।

इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से दोनों देशों की भागीदारी और रिश्ते सुदृढ़ व मजबूत होंगे। तंजानिया के मंत्री भी इस कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इस महोत्सव के दौरान तंजानिया के लोगों को हरियाणा को और गहराई से समझने का भी अवसर मिलेगा। इससे हमारे संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

इस अवसर पर पर्यटन एवं धरोहर विभाग की प्रधान सचिव कला रामाचंद्रन, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार बीबी भारती, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग, विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वर्षा खांगवाल मौजूद रहे।

गीता के संदेश में प्रतीत हो रहा समाधान : मनीषी ज्ञानानंद

गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता जयंती मनाने की शुरुआत वर्ष 1989 से गई थी। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन वर्ष 2016 से किया गया है। गीता उपदेश शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिया था, जो आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक है। इस उपदेश को 5161 वर्ष पूरे हो गए हैं और 34 देशों ने इसे अपनाया है। आज गीता संदेश को विश्व स्तर पर समाधान के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष श्रीलंका में गीता महोत्सव के दौरान शोभा यात्रा निकाली थी, श्रीलंका के प्रधानमंत्री इस आयोजन में डेढ़ घंटे तक रहे और उन्होंने कुरुक्षेत्र आने की भी मंशा जताई।

गीता यज्ञ एवं पूजन से होगा शुभारंभ

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक ब्रह्म सरोवर के पावन तट पर हर दिन भव्य गीता महाआरती का आयोजन होगा। 28 नवंबर से 11 दिसंबर तक 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से इस महोत्सव का विधिवत शुभारम्भ होगा। इसी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन-दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी’ का आयोजन होगा। 9 दिसंबर को महोत्सव के दौरान पुरुषोत्तमपुरा बाग में संत सम्मेलन का आयोजन होगा। 10 दिसंबर को ब्रह्म सरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इसी तरह से गीता जयंती के दिन 11 दिसंबर को ज्योतिसर तीर्थ पर गीता यज्ञ एवं भागवत कथा का आयोजन होगा।

शिल्प एवं सरस मेले में दिखेगी कला

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक शिल्प एवं सरस मेले का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें तंजानिया और ओडिशा की संस्कृति व शिल्पकारों की कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, सभी जिला मुख्यालयों पर 9 से 11 दिसंबर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर भागीदारी राज्य ओडिशा के भाषा, साहित्य और संस्कृति राज्य मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ओडिशा राज्य को भागीदारी राज्य बनाने के लिए ओडिशा के लोगों की ओर से हरियाणा सरकार का आभार है।

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