Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अम्बाला में 0 से 14 साल के 88 बच्चे मिले टीबी पाॅजिटिव

अम्बाला शहर, 7 दिसंबर (हप्र) इस वर्ष टीबी को लेकर अम्बाला में 43197 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 3026 मरीज टीबी के मिले। इनमें से 2246 मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। इन मरीजों में 1381 पुरुष...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
अम्बाला शहर में शनिवार को टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करते डीसी डॉ. पार्थ गुप्ता। -हप्र
Advertisement

अम्बाला शहर, 7 दिसंबर (हप्र)

Advertisement

इस वर्ष टीबी को लेकर अम्बाला में 43197 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 3026 मरीज टीबी के मिले। इनमें से 2246 मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। इन मरीजों में 1381 पुरुष व 985 महिला मरीज शामिल हैं। यही नहीं जिला में 0 से 14 साल के 88 बच्चे भी पाजिटिव मिले हैं। यह जानकारी आज उप सिविल सर्जन डॉ. सीमा ने उपायुक्त डॉ. पार्थ गुप्ता को दी। वह अम्बाला में टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन प्रचार वाहन को कैंप कार्यालय से झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. राकेश सहल ने टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों बारे उपायुक्त को जानकारी दी।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि सभी मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं। जांच के दौरान कोई भी व्यक्ति यदि टीबी ग्रस्त मिलता है तो डाक्टर से परामर्श लेते हुए उपचार लें। टीबी मुक्त भारत अभियान निक्षय शिविर के तहत जिले के 400 गांवों में मोबाइल वैन यूनिट जाएगी, जिसमें एक्सरे की मशीन के साथ टीम मौजूद रहेगी, जोकि संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच करेगी।

सिविल सर्जन डॉ. राकेश सहल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 100 दिन का निक्षय शिविर शुरू किया गया है। अभियान के तहत रोस्टर अनुसार मोबाइल मेडिकल यूनिट जिले में शहरी क्षेत्र के साथ साथ गांवों को कवर करेगी। इस मोबाइल यूनिट में स्क्रीनिंग के दौरान व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। अगर कोई आशंकित टीबी मरीज मिलता है तो उसका मौके पर ही एक्सरे व खून की जांच की जाएगी। उसके उपरांत उसका इलाज शुरू किया जाएगा।

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सीमा ने बताया कि टीबी से संबंधित स्टेज अनुसार मरीजों का इलाज 6, 9 व 12 महीने तक किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा टीबी से ग्रस्त मरीजों का पंजीकरण अनुसार आहार/खुराक के रूप में उनके खाते में एक हजार रुपये की राशि प्रतिमाह भी दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि निक्षय मित्र के माध्यम से ऐसे मरीजों को संस्थाओं द्वारा सहायता भी दी जा रही है।

Advertisement
×