तरुण जैन
रेवाड़ी, 6 जून
जिस व्यक्ति ने एक साल पहले फसलों के अवशेष (पराली) से बिजली उत्पादन करने का देशभर में पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाकर सुर्खियां बटोरी थीं, उस पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि ग्रीन एनर्जी प्लांट में तीन दिन पूर्व लगी आग में झुलसे पांच कर्मियों में 4 की दिल्ली के एम्स में मौत हो गई। इन मौतों को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त रोष है और प्लांट संचालक को गिरफ्तार करने की मांग की है। उसके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार जिला के गांव खुर्शीद नगर में पराली से बिजली उत्पादन करने हेतु गांव के ही राजपाल व उनके पार्टनर द्वारा लगाए गए ग्रीन एनर्जी प्लांट में अचानक आग लगने से पांच कर्मचारी बुरी तरह से झुलस गए थे। उन्हें दिल्ली के एम्स में उपचार हेतु भर्ती कराया गया था। पिछले 24 घंटों में एक-एक कर चार कर्मचारियों मुमताजपुर के नरेंद्र, गुजरात के छोटे, केशव व योगेश की दिल्ली के एम्स में उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं, जिला के गांव भड़ंगी का संजय कुमार अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। दिल्ली में पोस्टमार्टम के बाद गुजरात के तीनों कर्मियों को उनके गांव के लिए रवाना कर दिया गया और मुमताजपुर के नरेंद्र का बीती रात को गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
इस बड़े हादसे के होने के बाद सोमवार को श्रम विभाग के सहायक निदेशक प्रफुल, निरीक्षक बीएस यादव, एसडीएम कोसली होशियार सिंह पुलिस टीम के साथ प्लांट परिसर में जांच हेतु पहुंचे और पूरे परिसर की वीडियोग्राफी की। चार-पांच घंटे तक इस टीम ने वहां रखे कागजातों को खंगाला। मृतक नरेंद्र के पिता नरेश की शिकायत पर प्लांट संचालक राजपाल के खिलाफ लापरवाही से मौत होने संबंधी धाराओं में नाहड़ पुलिस चौकी में केस दर्ज किया गया है।
नरेंद्र के चाचा डा. सुखविंद्र ने बताया कि 23 वर्षीय नरेंद्र अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उसके सवा दो साल व 10 महीने की दो बेटियां हैं। नरेंद्र आईटीआई होल्डर था। पिता नरेश खेतीबाड़ी करता है। उस पर जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट गया है। वह घर में अकेला कमाने वाला था। उन्होंने कहा कि आग में सभी पांच कर्मचारी 100 प्रतिशत जल गए थे। उन्होंने बताया कि उपचाराधीन 21 वर्षीय संजय भी अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है और उसके भी दो मासूम बेटियां हैं। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। जैसे ही यह खबर यहां पहुंची तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और बीती शाम को प्लांट के समक्ष भारी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए और उन्होंने वहां धरना दिया। मुमताजपुर के पूर्व सरपंच रामफूल, रामफल, पूर्व पंच शेरसिंह, विजयवीर, रामकिशन यादव, जगमोहन, मुरारीलाल ने कहा कि प्लांट में फायर सेफ्टी के कोई प्रबंधन नहीं थे।
इस कंपनी में दो शिफ्टों में 12-12 घंटे 22 कर्मचारी काम करते हैं। शवों की जलने से ऐसी हालत हो गई थी कि उन्हें पहचाना तक नहीं जा रहा था। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद से संचालक पीड़ित परिवारों से मिलने की बजाय भूमिगत हो गया है। उन्होंने मांग की कि सूबतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है इसलिए मामले की पूरी निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
नाहड़ पुलिस चौकी प्रभारी जगदीश ने बताया कि मृतक नरेंद्र के पिता नरेश की शिकायत पर प्लांट मालिक राजपाल के खिलाफ लापरवाही से मौत होने का मामला दर्ज किया है। आरोपी फरार हैं। श्रम विभाग इस मामले की जांच कर रहा है। आगे उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी