कुरुक्षेत्र (हप्र) : हरियाणा सरकार शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार एक ओर जहां गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश का लाभ दे रही है, वहीं शिक्षकों को इस लाभ से वंचित रखा हुआ है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) के राज्य उप प्रधान डॉ. तरसेम कौशिक ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं वोट बनाने से लेकर परिवार पहचान पत्र, चिकित्सा योजनाएं, राशन कार्ड, मिड डे मील, चुनाव, पर्यावरण संरक्षण, यहां तक कि कोरोना काल में शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परंतु सरकार शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश प्रदान कर रही है। इसके अंतर्गत हर वर्ष प्रत्येक कर्मचारी को 10 चिकित्सा अवकाश प्रदान किए जाते हैं। जब कभी भी कोई कर्मचारी बीमार होता है तो वह उनका इस्तेमाल कर लेता है, परंतु शिक्षकों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। डॉ. तरसेम कौशिक ने बताया कि शिक्षकों को भी वर्ष 1987 तक चिकित्सा अवकाश प्रदान किये जाते थे, परंतु तत्कालीन बंसीलाल सरकार ने चिकित्सा अवकाश बंद कर दिए थे। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से आग्रह करते हैं कि अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी चिकित्सा अवकाश का लाभ दें।