यमुनानगर, 10 नवंबर (हप्र)
हरियाणा सरकार द्वारा गन्ने के भाव में 10 रुपए की वृद्धि किसानों के साथ भद्दा मजाक है। इस वर्ष 10 रुपये तो केंद्र सरकार ने भी बढ़ाये थे, लेकिन 3 वर्ष के बाद गन्ने के भाव मे 10 रुपए की बढ़ोतरी लागत मूल्य को देखते हुए न्यायसंगत नहीं है।
यह आरोप हरियाणा के गन्ना उत्पादक व किसान नेता सतपाल कौशिक ने लगाते हुए कहा 3 वर्षों में 40 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक गन्ने की लागत मूल्य में वृद्धि हुई है, इसलिए गन्ने के भाव में कम से कम 50 रुपए की वृद्धि करनी चाहिए थी।
आज देश में गन्ना उत्पादक किसानों के 10 हजार करोड़ रुपए शुगर मिलों की तरफ बकाया हैं, केंद्र सरकार की केबिनेट मीटिंग में चीनी के भाव में वृद्धि की मंजूरी काफी समय पहले हो चुकी है, लेकिन आज तक केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यदि किसान को 400 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव नहीं मिलेगा तो गन्ना की खेती भी घाटे का सौदा ही रहेगी।