नारनौल, 23 जुलाई (निस)
विश्व के विकास में प्रवासी भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है। अपनी योग्यता, क्षमता और प्रतिभा के बल पर उन्होंने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है।
यह कहना है जर्मनी की साहित्यकार तथा उद्यमी डॉ़ योजना शाह जैन का। सेक्टर स्थित अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र, मनुमुक्त भवन में सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के संबंध स्वतंत्रता के पूर्व से ही बड़े अच्छे रहे हैं। यही कारण है कि जर्मनी में भारत और भारतीयों के प्रति बड़ा सम्मान है। हिंदी भाषा और साहित्य तथा भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए वहां अनेक संस्थाएं सक्रिय हैं और उन्हें जर्मनी वासियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। इस अवसर पर उन्होंने अनेक काव्य-रचनाएं भी प्रस्तुत कीं, जिन्हें भरपूर सराहना मिली। इससे पूर्व डाॅ योजना शाह जैन को, उनकी विशिष्ट साहित्यिक सेवाओं के दृष्टिगत, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न और अंगवस्त्र भेंट कर ‘डाॅ मनुमुक्त ‘मानव’ विश्व हिंदी-सेवी सम्मान’ से नवाजा गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् और भारत विकास परिषद् के जिला अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज, नगर-प्रमुख भारती सैनी मौजूद थे। इस समारोह में सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के कुलपति डाॅ उमाशंकर यादव मुख्य अतिथि थे तथा नगर-परिषद् की चेयरपर्सन कमलेश सैनी, हरियाणा बाल-कल्याण परिषद्, चंडीगढ़ के नोडल अधिकारी विपिन कुमार शर्मा और हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेश संयोजक बजरंगलाल अग्रवाल भी उपस्थित रहे। चीफ ट्रष्टी डॉ रामनिवास ‘मानव’ ने प्रवासी भारतीयों को भारत का सांस्कृतिक दूत बताते हुए कहा कि वे जिस भी देश में जाते हैं, वहीं लघु भारत बसा लेते हैं। सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनकी भूमिका, निश्चय ही, सराहनीय है।
इस अवसर पर डॉ़ योजना के पति प्रफुल्ल जैन, ट्रस्टी डॉ कांता भारती, भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिला अध्यक्ष सरला यादव, निगरानी समिति के पूर्व अध्यक्ष तथा मनोनीत पार्षद् महेंद्र सिंह गौड़, कृष्ण कुमार शर्मा, हिमांशु सैनी, मुंशीराम रेवाड़ी मौजूद थे।