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हरियाणा के 12 जिले बाढ़ग्रस्त घोषित

सीएम मनोहर लाल ने दी जानकारी, शुरू होगा क्षतिपूर्ति पोर्टल
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बाढ़ग्रस्त फतेहाबाद में बुधवार को अपना सामान समेटकर सुरक्षित स्थान की ओर जाते लोग। - निस
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 19 जुलाई

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हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 12 जिलों- पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद, फरीदाबाद और पलवल को बाढ़ग्रस्त घोषित किया है। इन जिलों के 1353 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। दस जिलों में हालात सुधरे हैं, लेकिन सिरसा और फतेहाबाद में स्थिति अभी नाजुक है क्योंकि घग्गर का पानी धीरे-धीरे राजस्थान की ओर जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में बाढ़ से हुए नुकसान और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

विपक्ष के अारोपों को खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि पूर्व की सरकारों के समय बाढ़ से बचाव कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन की बैठक ही नहीं हुआ करती थी। मौजूदा सरकार समय रहते कदम उठाती है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे छोटे काम होते हैं, जो मई-जून में पूरे कर लिए जाते हैं। सीएम ने कहा कि कुल 35 शहरी वार्ड बाढ़ की चपेट में थे। सीएम ने पशु नुकसान पर मुआवजे का ऐलान भी किया। उन किसानों को भी सरकार मुआवजा देगी, जिनकी फसलें बाढ़ की वजह से बर्बाद हुई हैं। हालांकि मुआवजे में समय लग सकता है क्योंकि सरकार खेतों से जलनिकासी की कोशिश में है ताकि दोबारा बिजाई हो सके। फसल मुआवजे पर 31 जुलाई के बाद निर्णय लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि करीब 18 हजार एकड़ भूमि में फसल बर्बाद हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं या पशु मरे हैं, वे क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डिटेल अपलोड कर सकेंगे। पोर्टल इसी सप्ताह शुरू किया जा सकता है जो महीनेभर के लिए खुला रहेगा। पोर्टल पर मिली जानकारी को डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी सत्यापित करेगी। फिर मुआवजा जारी किया जाएगा।

बताया गया कि 8 से 12 जुलाई के दौरान पूरे प्रदेश में 110 एमएम बारिश हुई। यानी सामान्य दिनों (28.4 एमएम) के मुकाबले करीब चार गुणा अधिक बारिश। सामान्य तौर पर यमुनानगर में 32.8 एमएम बारिश होती थी, लेकिन इस बार 122 एमएम हुई। कुरुक्षेत्र में 32.9 के मुकाबले इस बार 300.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। पंचकूला में 53 एमएम के बजाय 422.8 एमएम बारिश हुई। अम्बाला में सामान्य 58.5 एमएम बारिश के मुकाबले इस बार 359 एमएम बारिश दर्ज की गई।

मुआवजे का ऐलान

सरकारी रिकार्ड के अनुसार बाढ़ से अभी तक प्रदेश में 35 लोगों की जान गई है। कुछ घायल हैं। 35 लोगों को सांप ने डस लिया, गनीमत है इससे किसी की जान नहीं गई। मृतकों के परिजनों को सरकार 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। 40 से 60 प्रतिशत तक दिव्यांग होने वालों को 75 हजार रुपये तथा 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता पर ढाई लाख रुपये की मदद सरकार करेगी। दुधारू पशुओं– गाय, भैंस व ऊंट आदि की मृत्यु पर सरकार पशुपालकों को 37.5 हजार रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा देगी। भेड़-बकरी की मृत्यु पर 4 हजार, ऊंट व घोड़ा पर 32, बछड़ा-बछिया पर 20 तथा मुर्गी की मृत्यु पर 100 रुपये प्रति मुर्गी के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।

दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान के पार

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के बीच दिल्ली में यमुना का जल स्तर बुधवार सुबह खतरे के निशान 205.33 मीटर को फिर पार कर गया। यमुना का जलस्तर करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे गया था। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 205.48 मीटर तक पहुंच गया, जिसके शाम छह बजे तक बढ़कर 205.72 मीटर होने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।

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