तीन महीने में 1154 महिलाओं ने करवाया गर्भपात, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
जसमेर मलिक/ जींद, 15 जुलाई
हरियाणा में तीन महीने में 1154 महिलाओं ने करवाया गर्भपात। स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप। विभाग के तमाम अलर्ट और निगरानी के बावजूद भी इस सिलसिले में हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार तीन महीने में 1154 गर्भवती महिलाओं के एबॉर्शन कराने की बात सामने आई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को शक है कि इनमें से ज्यादातर मामलों में भ्रूण में बेटी होने के कारण गर्भपात कराया गया है।
ये घटनाएं उस समय और भी गंभीर हो जाती हैं, जब यह सामने आता है कि सरकार ने इन महिलाओं पर निगरानी के लिए जिन आशा वर्करों को तैनात किया था, वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में कहीं न कहीं चूक गईं। इसे गंभीरता से लेते हुए 56 आशा वर्करों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन आशा वर्करों का काम था कि वे इन गर्भवती महिलाओं के संपर्क में रहें और उन्हें ‘सहेली’ की तरह समझाएं और मॉनिटर करें, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग को लग रहा है कि कहीं न कहीं मॉनिटरिंग में बड़ी चूक हुई है। स्वास्थ्य विभाग अब गर्भपात करवाने के मामले से जुड़ी रिवर्स ट्रैकिंग के नियमों को भी सख्त बनाने में जुटा हुआ है, ताकि मुख्यालय से ही प्रदेश की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
1154 महिलाओं ने करवाया गर्भपात रिपोर्ट को बैक ट्रैक कर रहा विभाग
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग इस रिपोर्ट को बैक ट्रैक कर रहा है। रिपोर्ट को सभी सिविल सर्जनों को उनके जिले की डिटेल्स के साथ भेजा गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर बैक ट्रैक शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों का कहना है कि अब हर गर्भवती महिला की निगरानी और ज़्यादा सख्ती से की जाएगी और जरूरत पड़ी तो पुलिस व कानून की मदद ली जाएगी।
यही नहीं, अब इस मामले में संबंधित सिविल सर्जन की भी जवाबदेही सुनिश्चित करने पर विचार चल रहा है। रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान यदि गर्भपात करवाने वाली महिला की केस हिस्ट्री में अगर किसी भी स्टेज पर महिला की गलती पाई जाती है, तो विभाग उसे नोटिस जारी कर अपनी जांच में शामिल करेगा। संतोषजनक जवाब या संबंधित दस्तावेज नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है।
बढ़ सकता है आंकड़ा
स्वास्थ्य विभाग को अपने पुष्ट सूत्रों से ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि जिन गर्भवतियों द्वारा गर्भपात करवाने के आंकड़े विभाग को उपलब्ध कराए गए हैं, वे सही नहीं हैं। लिहाजा विभाग की एक टीम अब इस पर भी गुपचुप तरीके से काम कर रही है, ताकि सही आंकड़े के साथ कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके।
इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आशा वर्करों की इस लापरवाही के बाद अब विभाग ने ऐसे मामलों पर नजर रखने के लिए मुख्यालय की टीमों को अलर्ट कर दिया है। अब ये टीमें प्रदेश भर में ऐसी महिलाओं पर नजर रखेंगी, जो पहले से ही एक या दो बेटियों की मां हैं।
महिलाओं ने करवाया गर्भपात , बैक ट्रैक में 96 में से 50 में गड़बड़ी नहीं
स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से जींद के सिविल सर्जन कार्यालय को जींद जिले में गर्भपात करवाने वाली महिलाओं की जो रिपोर्ट मिली है, वह 96 महिलाओं की है। इसमें से अब तक जींद के स्वास्थ्य विभाग ने इनमें से 50 की पूरी केस हिस्ट्री खंगाल ली है। इनमें किसी भी केस में गड़बड़ी नहीं मिली है। बाकी 46 मामलों को भी स्वास्थ्य विभाग जल्द खंगाल लेगा। जींद में पीएनडीटी प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया ने कहा कि मुख्यालय से मिली जिले की पूरी रिपोर्ट की बैक ट्रैकिंग पूरी गंभीरता से की जा रही है।