दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 नवंबर
हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में भर्तियों के लिए पैसों के लेन-देन के आरोपों पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष पर पलटवार किया है। पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने न केवल मौजूदा भर्ती सिस्टम को बेहतर बताया, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर की गिरफ्तारी पर सरकार गंभीर है और मामले की तह तक जाएगी।
शनिवार को नयी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू हुए सीएम ने कई मुद्दों पर चर्चा की। सीएम ने दो-टूक कहा कि दोनों भर्ती आयोग में पिछले 20-20 वर्षों से भर्ती गिरोह सक्रिय थे। हमने न केवल इस सिस्टम को तोड़ा, बल्कि गिरोह को भी खत्म किया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के 10 वर्षों के कार्यकाल पर सीएम ने कहा कि हुड्डा सरकार की 11 भर्तियां हाईकोर्ट ने रद्द की। वहीं, पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को भर्ती में अनियमितता के चलते जेल की सजा काटनी पड़ी।
सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों के समय से चले आ रहे भर्ती माफिया को हमने पनपने नहीं दिया, बल्कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। पूर्व की सरकारों में इस तरह के मामलों को दबाने की कोशिश होती थी। हम गड़बड़ी सामने आने पर उस पर कार्रवाई करते हैं, मामले को दबाने की कोशिश नहीं करते।
अनिल नागर की गिरफ्तारी से जुड़े सवाल पर सीएम ने कहा कि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो जांच कर रहा है। एक अन्य सवाल पर सीएम ने कहा कि हमारे समय की एक भी भर्ती कोर्ट से रद्द नहीं हुई। राज्य में पिछले 7 वर्षों से मैरिट और पारदर्शिता के आधार पर भर्तियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार 85 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है। इन सभी भर्तियों की जांच कराने का कोई औचित्य नहीं है।
हरियाणा लोकसेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की चालू भर्तियों को रद्द करने से इनकार करते हुए सीएम ने कहा कि अगर किसी को कोई भी आपत्ति है या किसी भी तरह के सबूत हैं तो हमें दें, हम उसकी विजिलेंस से जांच कराएंगे। एचपीएससी के भर्ती नियमों में सुधार के लिए भी सरकार तैयार है, बशर्ते, इसके लिए अच्छे सुझाव मिलें।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीएम ने कहा कि अभी तक पेपर लीक के 48 मामले पकड़े हैं। आगे भी पकड़ेंगे। पेपर लीक रोकने के लिए सख्त कानून बनाया है।