Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पॉक्सो एक्ट में बंद युवक दूसरे के जमानत कागजात पर रिहा

नीमका जेल प्रशासन की बड़ी चूक
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

बल्लभगढ़, 30 मई (निस)

नीमका जिला जेल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पोक्सो एक्ट जैसे मामले में बंद विचाराधीन कैदी नीतीश कुमार पांडे को किसी और व्यक्ति के जमानती कागजों पर जेल से रिहा कर दिया गया। खुलासा तब हुआ जब असली जमानती बंदी के वकील ने जेल प्रशासन से अपने मुवक्किल की रिहाई की जानकारी लेनी चाही।

Advertisement

नीतीश कुमार पांडे मूलरूप से बिहार के पटना जिले के पालीगंज थाना अंतर्गत कल्याणपुर गांव का रहने वाला है, वर्ष 2021 से पॉक्सो और अन्य गंभीर धाराओं के तहत फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह बल्लभगढ़ के राजीव कॉलोनी में परिवार संग रह रहा था। वहीं 25 मई 2025 को ओल्ड फरीदाबाद के शास्त्री कॉलोनी के एक अन्य युवक नीतेश कुमार को मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अगले दिन 26 मई को उसे कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि नीतेश कुमार की जगह जेल से नीतीश कुमार पांडे को रिहा कर दिया गया, जो कि एक गंभीर अपराध में 4 साल से बंद था। मामले पर वकील रविंद्र नागर ने बताया कि जेल से कैदी की रिहाई केवल नाम से नहीं होती। कैदी का नाम, पिता का नाम, उम्र, हुलिया, फोटो और फिंगरप्रिंट सब कुछ मिलाया जाता है। ऐसे में कैसे संभव है कि एक गंभीर अपराध में बंद कैदी को किसी और के कागजों पर छोड़ा जाए। जेल अधीक्षक की ओर से बल्लभगढ़ सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। एफआईआर के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार नीतीश कुमार पांडे की तलाश जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज, रजिस्टर एंट्री और बायोमेट्रिक डेटा की जांच की जा रही है।

Advertisement
×