बंधवाड़ी कचरा प्रबंधन साइट के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य तेज, विशेष व्यू कटर लगाए जा रहे
नगर निगम द्वारा फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड स्थित बंधवाड़ी कचरा प्रबंधन प्लांट के सौंदर्यीकरण की दिशा में कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्लांट के सामने मुख्य सडक़ की ओर दृश्य को ढकने के लिए विशेष व्यू कटर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ यहां पर पौधारोपण, झाड़ियों की रोपाई, फेंसिंग, ट्री गार्ड की स्थापना, अच्छी मिट्टी के साथ सतही टर्फिंग तथा लैंडस्केपिंग का कार्य भी प्रस्तावित है, जिससे यह क्षेत्र हरित और सुंदर बने। इस योजना के लिए नगर निगम द्वारा 96 लाख रुपये की अनुमानित लागत से एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह योजना निगमायुक्त के निर्देशानुसार 18 जुलाई को तैयार किया गया था। उसी दिन प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी भी संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई और तत्पश्चात 18 जुलाई को ही टेंडर जारी कर दिया गया, जो 29 जुलाई को खोला जाएगा।
निगम के चीफ इंजीनियर विजय ढाका ने बताया कि निगमायुक्त प्रदीप दहिया, अतिरिक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव तथा संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डॉ. प्रीतपाल सिंह ने बुधवार को बंधवाड़ी प्लांट का दौरा किया और वहां पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। यहां पर व्यू कटर लगाने, एवं लीचेट ड्रेन निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा दो करोड़ रुपए की लागत सेे बंधवाड़ी कचरा प्रबंधन साइट पर व्यू कटर, चारदीवारी और नाले के निर्माण का कार्य 14 जुलाई से शुरू किया जा चुका है और सबसे पहले साइट की सीमा पर व्यू कटर लगाए जा रहे हैं। साइट पर उत्पन्न लीचेट को टैंकरों के माध्यम से निकटतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लगातार ले जाया जा रहा है। साइट पर लीचेट की वर्तमान मात्रा को देखते हुए इसे एसटीपी तक ले जाने के लिए 63 लाख रुपये की लागत का नया प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। निगमायुक्त के निर्देश पर 2.45 करोड़ रुपये का नया अनुमानित प्रस्ताव तैयार करके 18 जुलाई को टेंडर लगाए गए हैं, जो 29 जुलाई को खोले जाएंगे। इसमें व्यू कटर के साथ लगती हुई 15 मीटर चौड़ी और 400 मीटर लंबी सीसी रोड का निर्माण शामिल है। सड़क के साथ-साथ आरसीसी ड्रेन का निर्माण भी प्रस्तावित है। गार्बेज ट्रकों की लंबी प्रतीक्षा से बचने और दो द्वारों से सुचारू आवागमन हेतु एक अतिरिक्त धर्म कांटे की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जिससे साइट पर प्रवेश और निकास का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। वहीं, निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए साइट पर एक डीजी सेट स्थापित किया गया है, ताकि कार्यों में निरंतरता बनी रहे।