Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

विश्वगुरु बनने के लिए जड़ों से जुड़ना होगा

बाबा मस्तनाथ विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ विवि में मंगलवार को आयाेजित संगोष्ठी में भाग लेते विद्वानजन एवं अध्यापक। -हप्र
Advertisement

रोहतक, 27 मई (हप्र)

बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय एवं भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में ‘भारतीय ज्ञान परम्परा : विश्वगुरु भारत के लिए नाथ योगिक अंतर्दृष्टि और आयुर्वेदिक ज्ञान, विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें कई विद्वानों, विशेषज्ञों और अध्यापकों ने सहभागिता की। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एचएल वर्मा ने कहा कि हमें विश्वगुरु बनने के लिए अपनी सांस्कृतिक जड़ों से गहराई से जुड़ना होगा। नई शिक्षा नीति के माध्यम से हम अपनी पुरानी ज्ञान परम्परा को आधुनिक संदर्भों में पुनर्परिभाषित कर सकते हैं। मुख्य वक्ता डॉ. रवि प्रकाश ने कहा कि नाथ योग केवल आसनों और प्राणायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्म-उन्नति, मानसिक स्थिरता और विश्व कल्याण की एक महान जीवनशैली है। डॉ. श्रेयांश द्विवेदी ने संस्कृत और आयुर्वेद की महत्ता पर कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली का नाम है। इस अवसर पर गोरखनाथ पीठ के निदेशक डॉ. जगदीश भारद्वाज, डॉ़ सुमन राठी भी मौजूद रहीं।

Advertisement

Advertisement
×