नए आपराधिक कानूनों को गहनता से समझने की जरूरत : बिंदल
फरीदाबाद, 15 फरवरी (हप्र)
ऑल इंडिया लॉयर्स फोरम ने शनिवार को सामुदायिक भवन में नई आपराधिक विधियों के कार्यान्वयन और इसकी चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जज राजेश बिंदल बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया एवं ऑल इंडिया लॉयर्स फोरम के सह अध्यक्ष एडवोकेट विकास वर्मा ने किया। वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बिजेंद्र चाहर, हरियाणा पुलिस की आईजी एवं सीनियर आईपीएस डॉ. राजश्री सिंह, फरीदाबाद के डीसीपी मकसूद अहमद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान जोगेंद्र नरवत, महासचिव पवन पाराशर सहित फरीदाबाद जिले के वरिष्ठ अधिकारी गण एवं जिला प्रशासनिक अधिकारी तथा विशिष्ट सामाजिक लोग सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सम्मेलन में न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि आपराधिक कानूनों में बदलाव होना स्वभाविक है। पुलिस एवं अधिवक्ताओं के लिए नए आपराधिक कानून को गहनता से समझने की जरूरत है। ताकि आम लोगों को आसानी से न्याय मिल सके। इस मौके पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बृजेंद्र चाहर ने नए आपराधिक कानूनों के संवैधानिक और प्रक्रियात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और कानूनी विशेषज्ञों की भूमिका इन कानूनों के सुचारू क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण होगी।
पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री सिंह ने बताया कि नई कानूनी प्रणाली के अनुकूल होने में पुलिस को किन परिचालन संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। फरीदाबाद पुलिस के डीसीपी क्राइम मकसूद अहमद ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लिए ट्रेनिंग एवं जागरूकता बहुत ही आवश्यक है। ताकि आम जनों को न्याय दिलाने में कोई गलती न हो। इस मौके पर सम्मेलन के आयोजक विकास वर्मा ने सभी अतिथियों काे बुक्के व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने माननीय न्यायाधीश राजेश बिंदल का आभार जताया। इस मौके पर सीनियर एडवोकेट आरपी वर्मा, एसके वर्मा, अनिल चौधरी, भूपेंद्र दलाल, आरडी वर्मा, देवेंद्र तेवतिया, मनीष वर्मा, बार काऊसिंल के कॉ-आफ्टिड सदस्य राजेश खटाना, मास्टर रतिचंद नागर, शिक्षाविद् वाईके माहेश्वरी, सपना वर्मा एडवोकेट, संदीप वर्मा एडवोकेट, अनामय मिश्रा, आकृति कौलार, दिव्य गोयल, प्रतीक भारद्वाज, मानव रचना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एस.के. बौद्ध, बी.एस. अनंगपुरिया, इंस्टीट्यूट लॉ एवं रिसर्च के कानून के वरिष्ठ छात्र-छात्राएं सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।