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सामाजिक सोच, व्यवस्था की शुद्धता भी जरूरी : कृष्णपाल गुर्जर

डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में स्वच्छता पखवाड़ा
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फरीदाबाद में शुक्रवार को सेक्टर-28 की मार्किट में सफाई करते केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विधायक एनआईटी सतीश फागना व अन्य। -हप्र
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फरीदाबाद, 18 अप्रैल (हप्र)

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत स्वच्छता अभियान में सहभागिता करते हुये केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने शुक्रवार को सेक्टर-28 की मार्किट में झाड़ू लगाई और सफाई अभियान की शुरुआत की। उन्होंने सड़क से गंदगी को एकत्र कर रिक्शा में डाली और कचरा स्थानांतरण केंद्र तक भिजवाया।

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इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुये केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि देशभर में डॉ. अंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। उन्हें संविधान निर्माता के रूप में पहचाना जाता है, वहीं यह जानना जरूरी है कि वे स्वच्छता के भी सशक्त प्रवक्ता थे। उनका मानना था कि सफाई केवल शरीर या वातावरण तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि सामाजिक सोच और व्यवस्था की भी शुद्धता आवश्यक है। उन्होंने यह महसूस किया कि समाज में सफाई का काम एक वर्ग विशेष तक सीमित कर दिया गया है, जो कि एक अन्यायपूर्ण परंपरा है। उनका विचार था कि जब तक स्वच्छता की जिम्मेदारी समान रूप से नहीं निभाई जाएगी, तब तक समाज में बराबरी संभव नहीं।

उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने स्वच्छता कर्मियों को समाज की रीढ़ की हड्डी माना और कहा कि जो कार्य सभी के लिए जरूरी है, उसे हेय दृष्टि से देखना एक सामाजिक भूल है। उन्होंने बार-बार जोर दिया कि स्वच्छता एक सांझा राष्ट्रीय उत्तरदायित्व है और इसमें हर नागरिक को भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर बाबा साहेब के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान उन्हीं की प्रेरणा से आरंभ हुआ। इस अभियान के तहत रक्तदान शिविर, विचार गोष्ठियों और जनजागरूकता भी आयोजन जारी रहेंगे। आज जब हम स्वच्छता की बात करते हैं, तो यह ध्यान रखना आवश्यक है कि डॉ. अंबेडकर का दृष्टिकोण केवल शारीरिक सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका सपना एक ऐसा समाज था जो समता, न्याय और स्वच्छता के आदर्शों पर आधारित हो। स्वच्छता अभियान के दौरान एनआईटी विधायक सतीश फागना, पार्षद अनिल नागर सहित एमसीएफ के अधिकारी मौजूद थे।

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