सड़क पर उतरे रिटायर्ड कर्मचारी, सौंपा ज्ञापन
फरीदाबाद, 22 अप्रैल (हप्र)
वित्त अधिनियम (2025) के भाग संख्या चार को निरस्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फेडरेशन के आह्वान पर रिटायर्ड कर्मचारी संघ के बैनर तले मंगलवार को बड़ी संख्या में पेंशन भोगियों ने डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री के नाम डीसी की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार यशवंत सिंह को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन से पहले रिटायर्ड कर्मचारी ओपन थिएटर सेक्टर-12 में एकत्रित हुए और वहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा के बाद केंद्र एवं राज्य सरकार और वित्त अधिनियम 2025 के भाग संख्या 4 को निरस्त करने की मांग के नारे लगाते हुए डीसी आफिस पर पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में 20 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया गया। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने पेंशनर्स को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार पेंशनर्स को बांटकर पेंशन को समाप्त करना चाती है। इसी उद्देश्य के लिए बजट सत्र में 25 मार्च को गुपचुप तरीके से वित्त अधिनियम 2025 के भाग चौथे में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि इसका शीर्षक (भारत के समेकित कोष से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केन्द्रीय सिविल सेवा, पेंशन) नियमों और सिद्धांतो का सत्यापन, जो पेंशन समानता के मूल सिद्धांतों और पेंशन भोगियों की दी गई संवैधानिक सुरक्षा को खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि साधारण भाषा में इस अधिनियम से आठवें पे कमीशन की सिफारिशों के अनुसार पेंशन रिवीजन करने या न करने का अधिकार केन्द्र सरकार ने प्राप्त कर लिया है। जिसको लेकर देश के करोड़ों पेंशन भोगियों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश और बेचैनी है। उन्होंने कहा कि घोषणा के बाद भी अभी तक आठवें पे कमीशन का गठन ही नहीं किया गया है। जिला प्रेस सचिव सतपाल नरवत ने 65 व 75 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करने और 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने की मांग की। राज्य उप प्रधान यूएम खान व आशा शर्मा ने कहा कि सरकार पेंशनर्स की भी बांटना चाहती है।