Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

भोंडसी, सोहना व आसपास 13 कंपनी और 70 लोगों पर एफआईआर की सिफारिश

गुरुग्राम, 5 जून (हप्र) नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन (डीटीपीई) गुरुग्राम की ओर से अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी है। मई माह के दौरान भोंडसी, बेहरामपुर, कादरपुर, महेन्दरवाड़ा, बिधवाका और सोहना के खेडला...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
गुरुग्राम में बृहस्पतिवार को डीटीपी एंफोर्समेंट की जेसीबी अवैध कॉलोनी में अवैध निर्माण तोड़ते हुए।- हप्र
Advertisement

गुरुग्राम, 5 जून (हप्र)

नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन (डीटीपीई) गुरुग्राम की ओर से अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी है।

Advertisement

मई माह के दौरान भोंडसी, बेहरामपुर, कादरपुर, महेन्दरवाड़ा, बिधवाका और सोहना के खेडला गांव में फैली 13 से अधिक अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया जो कि लगभग 39 एकड़ कृषि भूमि पर विकसित की जा रही थीं। इस कार्रवाई के तहत विभाग ने इन कॉलोनियों से संबंधित 13 फर्मों व 70 से अधिक व्यक्तियों, जिनमें जमीन मालिक, प्रॉपर्टी डीलर, बिल्डर और भवन निर्माण सामग्री सप्लायर शामिल हैं, के विरुद्ध एनफोर्समेंट थाना गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की है।

हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट, 1975 के तहत अवैध कॉलोनी गलत : हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट, 1975 के अंतर्गत किसी भी निजी व्यक्ति, संस्था या डीलर को बिना विभागीय अनुमति, लाइसेंस या स्वीकृत लेआउट के किसी भी कृषि भूमि को कॉलोनी के रूप में विकसित करने, प्लॉट काटने अथवा बेचने की अनुमति नहीं है। इस अधिनियम के तहत ऐसे सभी कार्य अवैध घोषित हैं। इसके बावजूद, कई भू-माफिया व डीलर जीपीए और साधारण एग्रीमेंट्स के माध्यम से कृषि भूमि को कॉलोनियों में बदलकर प्लॉट काटकर बेचना प्रारंभ कर देते हैं। यह प्रक्रिया न केवल गैरकानूनी है, बल्कि खरीदारों को भारी आर्थिक और कानूनी जोखिम में डालती है।

कानूनी कार्रवाई और प्रशासनिक निर्देश

डीटीपीई ने इस पूरे मामले में संबंधित तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को पत्र जारी कर स्पष्ट कहा हैं कि इन कॉलोनियों से संबंधित किसी भी भूमि का पंजीकरण न किया जाए।

साथ ही विभाग ने पूरी राजस्व रिकॉर्ड की जानकारी भी साझा की है ताकि इन जमीनों पर कोई कानूनी प्रक्रिया आगे न बढ़ सके। डीटीपी एनफोर्समेंट अमित मधोलिया ने बताया कि अप्रैल माह में भी लगभग 10 अवैध कॉलोनियों को लेकर एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की गई थी।

विभाग की रणनीति के अनुसार पहले सर्वे कर अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया जाता है फिर नोटिस व रिस्टोरेशन आदेश जारी कर तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाती है।

यदि फिर भी निर्माण कार्य जारी रहता है, तो अंतिम विकल्प के रूप में एफआईआर की प्रक्रिया अपनाई जाती है। दो माह में कुल 23 एफआईआर दर्ज़ करने की सिफारिश की हैं।

नागरिकों से अपील

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग नागरिकों से अपील करता है कि वे किसी भी प्लॉट की खरीदारी करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह जमीन वैध रूप से लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में स्थित है या नहीं। सभी वैध कॉलोनियों की सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। किसी भी प्रकार की शंका या शिकायत के लिए विभाग से सीधे संपर्क करें।

Advertisement
×