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‘ऑफिस ऑन द स्पॉट’ की शुरुआत, सुशांत लोक-2 से शुरू हुआ अभियान

डीटीपी इनफोर्समेंट की नई पहल
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गुरुग्राम, 8 जून ( हप्र)

नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग, गुरुग्राम के डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर इनफोर्समेंट (डीटीपीई) द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसका नाम है ‘ऑफिस ऑन द स्पॉट’। यह एक स्वप्रेरित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य है कि गुरुग्राम की लाइसेंस प्राप्त रिहायशी कॉलोनियों में हर सप्ताहांत पर मौके पर जाकर पूरी कॉलोनी का निरीक्षण किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वाले भवन मालिकों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।

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इस कार्यक्रम की शुरुआत सुशांत लोक-2, सेक्टर-55, गुरुग्राम से की गई। डीटीपीई अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और कॉलोनी की हर गली में जाकर हर मकान और इमारत का निरीक्षण किया। सर्वे के दौरान जहां भी नियमों का उल्लंघन मिला, वहां मौके पर ही शो-कॉज नोटिस तैयार किया गया, डिस्पैच नंबर आवंटित किया गया और उसे भवन पर चिपका दिया गया।

इस पहल का उद्देश्य है कि किसी कॉलोनी में अगर किसी नियम का उल्लंघन हो रहा है, तो उसे टुकड़ों में नहीं बल्कि एक ही दिन में पूरी कॉलोनी का सर्वे करके एक बार में नोटिस जारी किया जाए जिससे समय की बचत हो और विभागीय कार्य भी तेजी से पूरे किए जा सकें। पहले यह होता था कि किसी एक गली या मकान की शिकायत आती थी, तो केवल वहीं जांच होती थी और बाकी उल्लंघन अनदेखे रह जाते थे।

चूंकि सप्ताह के कार्यदिवसों में कार्यालय में अन्य कार्यों, बैठकों और जनसुनवाई में व्यस्तता रहती है, इसलिए ‘ऑफिस ऑन द स्पॉट’ कार्यक्रम को सप्ताहांत पर चलाया जाएगा, ताकि पूरी टीम एक साथ जाकर कॉलोनी का निरीक्षण कर सके और पूरी जानकारी एक ही दिन में जुटा सके।

सुशांत लोक-2 में किए गए इस सर्वेक्षण के दौरान लगभग 150 रिहायशी इमारतों में नियमों का उल्लंघन पाया गया। इनमें कुछ इमारतों में व्यावसायिक गतिविधियां जैसे ऑफिस, शोरूम, जिम, क्लीनिक, बैटरी की दुकानें, ग्रोसरी स्टोर और डिपार्टमेंटल स्टोर अवैध रूप से चलाए जा रहे थे। सभी ऐसी इमारतों पर मौके पर ही शो-कॉज नोटिस चिपकाए गए।

इसके अलावा, कुछ भवन मालिकों ने नॉन-न्यूसेंस गतिविधि (गैर-परेशानी वाली गतिविधि) के लिए अनुमति ली हुई थी, परंतु निरीक्षण में पाया गया कि उन्होंने पूरे ग्राउंड फ्लोर का 100 प्रतिशत हिस्सा व्यावसायिक उपयोग में ले लिया है, जबकि नीति के अनुसार केवल 25 प्रतिशत हिस्सा ही व्यावसायिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे सभी मामलों में भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। आने वाले सप्ताहों में भी हर वीकेंड में यह अभियान चलाया जाएगा।

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