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नूंह : किसानों व प्रशासन के बीच मांगों को लेकर फिर होगी बातचीत

गुरुग्राम, 22 मई (हप्र) 2 दिन पहले आईएमटी रोजकामेव भूमि अधिग्रहण मुआवजा राशि सहित कई मांगों को लेकर धरना - प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की गिरफ्तारी एवं महिला सहित दो किसान नेताओं को पुलिस कार्रवाई के दौरान चोट लगने...
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नूंह में बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बात करते किसान नेता। -हप्र
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गुरुग्राम, 22 मई (हप्र)

2 दिन पहले आईएमटी रोजकामेव भूमि अधिग्रहण मुआवजा राशि सहित कई मांगों को लेकर धरना - प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की गिरफ्तारी एवं महिला सहित दो किसान नेताओं को पुलिस कार्रवाई के दौरान चोट लगने की खबर के बाद बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद व उनके साथ भाकियू से जुड़े कई नेता लघु सचिवालय नूंह पहुंचे। भाकियू नेताओं ने पहले अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक से मुलाकात की और उसके बाद उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा से करीब सवा घंटे तक लंबी मंत्रणा की।

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दोनों अधिकारियों से मुलाकात के बाद भाकियू नेताओं ने धीरधोका गांव में चल रहे धरनास्थल की तरफ रुख किया और वहां किसानों के बीच जाकर उनको हिम्मत बंधाई।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि प्रशासन व सरकार दमनकारी नीति के तहत किसानों को धमका, डराकर मुकदमे व गिरफ्तारी करके आंदोलन को कुचलना चाहता है। ऐसा किसी सूरत में नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने भरोसा दिलाया है कि 26 मई को प्रशासनिक अधिकारियों की इस बारे में बैठक होगी और उसके बाद जून माह के पहले सप्ताह में ही किसान प्रतिनिधिमंडल एवं प्रशासनिक अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच फिर बातचीत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतर मांगों पर सहमति है, लेकिन हलफनामा रद्द करने तथा मुआवजा राशि बढ़ाने के मामले में प्रशासन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी किसान प्रतिनिधिमंडल की बातचीत करवा सकता है।

भाकियू ने कहा कि बातचीत का रास्ता एक बार फिर से खुल गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि इसके जल्द ही सार्थक परिणाम आएंगे।

दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक तरीके से धरना - प्रदर्शन चलता रहेगा। किसान विकास कार्यों में कोई अड़चन नहीं डालेंगे तो प्रशासन व पुलिस भी किसानों पर दमनकारी नीति के तहत कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

बता दें कि गत 20 में की रात्रि को पुलिस ने दो किसानों को न केवल गिरफ्तार कर लिया था बल्कि एक महिला व एक पुरुष किसान को चोट भी आई थी। जिनके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना के बाद से धरनास्थल पर किसानों का नेतृत्व कर रहे नेताओं के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उसके बाद से किसान नेता भूमिगत हो गए और मोबाइल फोन तक स्विच ऑफ कर लिए गए थे।

आज तक नहीं मिला बढ़ा मुआवजा

वर्ष 2010 में नूंह जिले के 9 गांव की 1600 एकड़ भूमि का आईएमटी रोजकामेव के लिए अधिग्रहण किया गया था। सरकार ने किसानों को 25 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया था। बाद में किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया तो सरकार ने 21 लाख रुपए की राशि बढ़ाने की घोषणा की। कुल मिलाकर प्रति एकड़ 46 लाख रुपए मुआवजा सरकार ने दिया। किसानों का कहना है कि इसके अलावा प्लॉट, कब्रिस्तान इत्यादि के लिए भूमि देने की भी बातचीत की गई थी। न तो बढ़ा हुआ मुआवजा आज तक मिला है और न ही उन्हें कब्रिस्तान के लिए भूमि के साथ-साथ प्लाट वगैरह दिए गए हैं। जिसको लेकर किसान पिछले करीब 15 महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार टकराव की नौबत भी आई है, लेकिन बातचीत के माध्यम से सुलह भी हुई है।

‘कांग्रेस किसानों के साथ’

उधर इस बारे में नूंह से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आफताब अहमद का कहना है कि हरियाणा के भाजपा के मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले इन किसानों से कई वादे किए थे। उनकी मांगें मान ली थीं लेकिन अब उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही है। मांगें भी पूरी नहीं हो रही है। काफी मिलता-जुलता मामला मानेसर में मान लिया गया था। मुख्यमंत्री के लिए अलग-अलग इलाका नहीं होता। एक ही होता है। मुकदमे दर्ज कर सरकार डराना चाहती है, लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ है।

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