25 से शुरू होगा ‘नोतपा’ प्रचंड गर्मी से तपेगी धरती
कनीना, 21 मई (निस)
ज्येष्ठ मास की भीषण गर्मी के दौर में रविवार 25 मई से नोतपा काल शुरू हो रहा है। इस कालखंड में सूर्य अपने प्रचंडतम ताप और तेज के साथ रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। पंचांग व लोक मान्यताओं के अनुसार पखवाड़े भर का यह समय पृथ्वी पर अग्नि तत्व के चरम प्रभाव का प्रतीक है, जिसे ‘नोतपा’ कहा जाता है।
पंडित ताराचंद जोशी ने बताया कि नोतपा केवल मौसम का चक्र ही नहीं बल्कि यह अग्नि का व्रत है। ये समय मनुष्य, प्रकृति और पंचतत्त्वों की अग्निपरीक्षा जैसा होता है। सूर्य जब रोहिणी में प्रवेश करता है, तो आकाश अग्नि से दीप्त हो उठता है और पृथ्वी धधकने लगती है। यह तप, संयम, जलदान और प्रकृति-संरक्षण का कालखंड है, जब जीवन स्वयं को तपाकर शुद्ध करता है। नोतपा के दौरान वर्षा न हो, तो आगामी वर्षा ऋतु तीव्र, समय पर और फलदायी होती है। इस समय गांवों में तालाबों की सफाई, प्याऊ बनवाना, पक्षियों के दाने-पानी की व्यवसथा, गायों के लिए पेयजल की व्यवस्था को पुण्यदायी कार्य माना गया है। उन्होंने बताया कि तापमान 45 से 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। उन्होंने कहा कि ‘नो तपा’ सूर्य को प्रातः जल अर्पित करना, जलदान, छायादान करने के साथ तुलसी-नीम की पूजा की जा सकती है।