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नांगल के किसान ने नकदी फसल में दिखाई दिलचस्पी

पैदावार को बताया कपास व बाजरे की फसल से कहीं बेहतर
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कनीना में मंगलवार को नकदी फसल की पैदावार दिखाते नांगल के किसान बिजेंद्र। -निस
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कनीना 20 मई (निस)

कनीना उपमंडल के विभिन्न गावों में उन्न्त किसानों द्वारा नकदी फसलों को अपनाकर लाभ लिया जा रहा है। किसान कल्याण विभाग की ओर से ऐसे किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में गांव नांगल मोहनपुर के किसान बिजेंद्र कुमार की ओर से नकदी फसल की ऑर्गेनिक खेती की जा रही है। उसके पास 4 एकड़ ही पुश्तैनी जमीन है, जिसमें वह प्रतिवर्ष तीन एकड़ में घीया, टमाटर, प्याज, पेठा व ककड़ी की बिजाई करते हैं। चालू वित वर्ष में उन्होंने ककड़ी, बैंगन, तरबूज, घीया, प्याज व पेठा लगाया हुआ है, जिस पर करीब 35000 रुपए प्रति एकड़ की लागत आई। हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से 50 फीसदी अनुदान की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि सब्जी की प्राकृतिक खेती करने में लगभग 70 हजार रुपए प्रति एकड़ का खर्चा होता है। उनकी ओर से की पैदा की जा रही सब्जी की खेती में किसी प्रकार के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता, जिससे सब्जी की गुणवत्ता व खाने का टेस्ट लाजवाब होता है। उनके द्वारा गौशाला से गोबर का खाद लाकर इस्तेमाल किया जाता है। सब्जी में कीड़े की रोकथाम के लिए नीम के पत्ते, नीबू का रस व सरसों की खल का घोल बनाकर छिड़काव किया जाता है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। किसान विजेंद्र व रोशन लाल ने बताया कि इससे पूर्व बाजरे व कपास की फसल से 30 से 35 हजार रुपये प्रति एकड़ की आमदनी होती थी, जबकि सब्जी की खेती से करीब डेढ़ लाख की आमदनी हो जाती है।

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