Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

जींद का पिंडतारक तीर्थ : वैशाख की अमावस पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर किए पिंडदान

जींद, 27 अप्रैल (हप्र) रविवार को अप्रैल माह की वैशाख अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने जींद के पिंडारा गांव के पिंडतारक तीर्थ में स्नान के बाद पिंडदान किया और पूर्वजों को तर्पण किया। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन इन...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
जीद के पिंडारा गांव में रविवार को पिंडतारक तीर्थ में आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु। -हप्र
Advertisement

जींद, 27 अप्रैल (हप्र)

रविवार को अप्रैल माह की वैशाख अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने जींद के पिंडारा गांव के पिंडतारक तीर्थ में स्नान के बाद पिंडदान किया और पूर्वजों को तर्पण किया।

Advertisement

धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन इन कामों को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों की कृपा से जीवन में सुख व समृद्धि बनी रहती है। वहीं पितरों के नाराज होने पर अगर वैशाख अमावस्या के दिन पितृ तर्पण किया जाए तो रूठे हुए पितर खुश हो जाते हैं, जो बेहद लाभदायी होता है।

रविवार सुबह चार बजे से ही बैसाख अमावस्या पर जींद के समीपवर्ती गांव पिंडारा के महाभारतकालीन पिंडतारक तीर्थ पर श्रद्धालु सरोवर में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने की खातिर पहुंचाना शुरू हो गए थे। यह सिलसिला दोपहर तक जारी रहा।

पिंडारा गांव के पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद युद्ध में मारे गए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की थी। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है।

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि अमावस्या के दिन पितरों को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन पर बना रहता है। इस दिन पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Advertisement
×