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हिसार में बिना दुल्हन के लौट जाती हैं 28 बारातें!

हिसार में पिछले 11 सालों में हुए 311, फतेहाबाद में 438 और सिरसा में 481 शिकायतें
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कुमार मुकेश/हप्र

हिसार, 1 अप्रैल

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समाज में फैली कुरीतियों के उन्मूलन के लिए शिक्षा ही बड़ा हथियार है और बाल विवाह जैसी कुरीति ने तो इस बात को साबित भी कर दिया है। हिसार, सिरसा और फतेहाबाद में पिछले 11 सालों में आई बाल विवाह की शिकायतों के आंकड़ें देखें तो हिसार में सबसे कम 311, फतेहाबाद में 438 और सिरसा में 481 हुई थी।आंकड़ों की बात करें तो हिसार में हर साल 28, फतेहाबाद में 39 और सिरसा में 43 बारात बिना दुल्हन के बैरंग भी लौट जाती है। वहीं साक्षरता दर की बात करें तो हिसार में यह 72.9 प्रतिशत सबसे ज्यादा है और फतेहाबाद व सिरसा में तीन से चार प्रतिशत कम है। फतेहाबाद की साक्षरता दर 67.9 व सिरसा की 68.8 प्रतिशत है। आंकड़ों की बात करें तो हिसार में अब तक सबसे ज्यादा बाल विवाह की शिकायतें वर्ष 2017-19 में 41 हुए जबकि फतेहाबाद में भी इसी वर्ष 85 और सिरसा में 81 शिकायतें आई हैं। सबसे कम बाल विवाह की शिकायतें वर्ष 2014-25 में आई। इस साल हिसार में 11, फतेहाबाद में 14 जबकि सिरसा में 20 हुए हैं।

जेआरसी का सपना बाल विवाह मुक्त भारत

जेआरसी (जस्ट राइट फोर चिल्ड्रन) के संस्थापक भुवन रिभु ने देशभर की करीब 250 संस्थाओं को जोड़कर बाल विवाह मुक्त भारत मिशन शुरू किया हुआ है। एमडीडी (मिशन टू तो डेसपेरेट एंड डेस्टिट्यूट आफ इंडिया) भी इन्हीं 250 संस्थाओं में से एक है।

प्रदेश के 15 जिलों में काम कर रही है एमडीडी

बाल विवाह, बाल मजदूरी और बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों पर काम करने वाली सामाजिक संस्था मिशन टू तो डेसपेरेट एंड डेस्टिट्यूट आफ इंडिया (एमडीडी) के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मान ने कहा कि सरकार के साथ मिलकर एमडीडी हरियाणा के 15 जिलों में एक्सेस टू जस्टिस अभियान का फेज-3 संचालित कर रही है। फेज 1 व 2 में 12 जिलों अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, पलवल, नूहं, गुरुग्राम व फरीदाबाद में काम चल रहा था। फेज 3 में तीन जिले हिसार, जींद और कैथल भी जोड़ दिए गए। सभी जिलों में संस्था की टीमें लगी हुई है और जिला प्रशासन के साथ भी संपर्क में हैं। एमडीडी की हिसार प्रभारी कामिनी मलिक ने बताया कि यहां पर इस साल 11 बाल विवाह रुकवाए गए हैं जबकि पिछले साल इनकी संख्या 18 थी।

एक्सेस टू जस्टिस का इस साल का 15 जिलों में काम

*7500 अभिभावकों से अंटरटेकिंग ली कि वे बाल विवाह नहीं करेंगे।

*पूरे राज्य में 1750 बाल मजदूरों को छुड़वाया।

*800 पोक्सो पीड़ितों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं दी जिसमें निशुल्क एडवोकेट उपलब्ध करवाना और काउंसलिंग शामिल हैं।

*तीन लाख लोगों को बाल विवाह न करने की शपथ दिलवाई।

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