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मातृभाषा हिंदी में डिग्री दें उच्च शिक्षण संस्थान : दत्तात्रेय

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस पर स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ
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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के 50 में स्थापना दिवस समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, साथ हैं शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा। -हप्र
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हरीश भारद्वाज/हप्ररोहतक, 19 अप्रैल

राज्यपाल एवं मदवि के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान मातृभाषा हिन्दी में डिग्री दें, जिसका फायदा गरीब और ग्रामीणों को होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को गेम चेंजर बताते हुए इसे तेजी से आगे बढ़ाने का आह्वान किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शनिवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने मदवि समुदाय को 50 वर्ष की गौरवशाली यात्रा तय करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली लोगो, सोविनियर तथा एमडीयू मिरर त्रैमासिक न्यूज लेटर का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर एमडीयू की एलुमनाई वेबसाइट को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा भी उपस्थित रहे।

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राज्यपाल ने मदवि समुदाय से विश्वविद्यालय की स्वर्णिम विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा, खेल, संस्कृति, देश सेवा समेत हर क्षेत्र में मदवि के एलुमनी बड़े ओहदों पर हैं, जो गर्व की बात है।

भारत को विश्वगुरु बनाने में सबका योगदान वांछित : महिपाल ढांडा

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर संबोधित करते हुए मदवि की 50 वर्ष की विकास यात्रा को सराहा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारत राष्ट्र ही विश्व कल्याण कर सकता है। उन्होंने 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाने का संकल्प दोहराया और इस संकल्प को पूरा करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान किया। विकसित भारत बनाने, विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान देने की बात शिक्षा मंत्री ने कही।

हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपने संबोधन में मदवि को स्थापना दिवस की बधाई दी।

मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय की गौरवशाली विकास यात्रा, भविष्य की नई संभावनाओं और रोड मैप बारे जानकारी दी।

एफडीसी कैंटीन का उद्घाटन

राज्यपाल ने फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर के नीचे नवनिर्मित कैफेटेरिया का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने उम्मीद जताई की कैफेटेरिया में शिक्षक वैचारिक आदान-प्रदान करेंगे और नई सोच एवं विचार को यहां सृजन होगा। मदवि के टैगोर सभागार की गैलरी में विश्वविद्यालय की विकास यात्रा को रेखांकित करती प्रदर्शनी लगाई गई। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इसका उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में मदवि के 40 विभागों और 21 प्रकोष्ठों ने अपनी-अपनी उपलब्धियों क ब्योरा प्रस्तुत किया।

उत्कृष्ट योगदान देने वाले सम्मानित

दत्तात्रेय ने शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया। राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं हेतु शिक्षक एंव गैर शिक्षक कर्मियों, क्लास टापर्स तथा समाज सेवा समेत अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, एनएसएस तथा वाईआरसी वालंटियर्स को सम्मानित किया।

50 गोल्डन जुबली रिसर्च फेलोशिप देने की घोषणा

स्वर्ण जयंती समारोह में कुलपति ने इस वर्ष यूजी और पीजी विद्यार्थियों के लिए 50-50 हजार रुपए की 50 गोल्डन जुबली रिसर्च फेलोशिप देने की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में डा. हरविंदर खुराना तथा डा. सीवी रमन के नाम से दो रिसर्च चेयर बनाने की घोषणा कुलपति ने की। कुलपति ने इस वर्ष, इंडस्ट्री-एकेडमिया और आर्ट एंड कल्चर का बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही। इससे पूर्व शनिवार प्रातः महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की मातूराम यज्ञशाला में हवन-यज्ञ के साथ 50वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ हुआ।

वॉल ऑफ ग्लोरी का उद्घाटन

मदिव के स्थापना दिवस पर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय परिसर में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने वॉल ऑफ ग्लोरी का उद्घाटन किया। कुलपति ने बताया कि वॉल ऑफ ग्लोरी एमडीयू पास आउट विद्यार्थियों के गौरव का प्रतीक है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बताया कि एमडीयू से 50 साल में 28 लाख से ज्यादा विद्यार्थी डॉक्टर, पीएचडी, पीजी तथा यूजी डिग्री प्राप्त कर चुके हैं।

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