हरजोत सिंह बैंस ने शहीदी शताब्दी मामले में मांगी माफ़ी
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को भाषा विभाग पंजाब द्वारा श्रीनगर में आयोजित नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर के शहीदी समारोह के दौरान भांगड़ा करने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होने के लिए बुलाया है। बैंस ने प्रसन्नतापूर्वक इसे स्वीकार कर लिया है। यह स्पष्टीकरण उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर दिया।
क्या बोले: हरजोत सिंह बैंस
बैंस ने कहा कि हर सिख गुरु हरगोबिंद द्वारा निर्मित सच्चे सिंहासन श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष श्रद्धा से अपना शीश झुकाता है। दास, एक विनम्र सिख होने के नाते, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति पूरे हृदय से समर्पित हैं। हाल ही में, पंजाब के भाषा विभाग ने श्रीनगर में नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस को समर्पित एक कार्यक्रम का आयोजन किया था।
आलोचनाओं से घिर गये थे हरजोत सिंह बैंस
इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध पंजाबी गायक बीर सिंह को भी आमंत्रित किया गया था, जो एक गुरसिख गायक हैं और उनके अधिकांश गीत धार्मिक हैं। इससे पहले, उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर की पवित्र रचना 'सलोक महला' को भी अपनी आवाज़ में गाया था। इसी कारण उन्हें भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।
जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के सेवा नियमों को लेकर कमेटी गठित
एक सिख कैबिनेट मंत्री होने के नाते, आयोजकों की लापरवाही के कारण, चाहे जानबूझकर या अनजाने में, जो कुछ भी हुआ, उसके लिए वो खुद ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि वो सच्चे और विनम्र सिख हैं, दास को इस संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा बुलाया गया है। दास छठे गुरु के सच्चे तख्त के हर आदेश को सहर्ष स्वीकार करेंगे और नंगे पांव श्री अकाल तख्त साहिब में उपस्थित होकर अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए हर आदेश का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
SGPG का बड़ा फैसला, श्री अकाल तख्त और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदारों को पद से हटाया