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गलत तरीके से कटा दिव्यांग महिला का बीपीएल कार्ड, सीएम को भेजी शिकायत

रेवाड़ी, 16 जून (हप्र) रेवाड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब आंखों से 100 प्रतिशत दिव्यांग एक महिला की फैमिली आईडी में चार पहिया वाहन दर्शा दिया गया। जिससे उसका बीपीएल कार्ड काट दिया गया। पीड़ित महिला बीपीएल...
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रेवाड़ी, 16 जून (हप्र)

रेवाड़ी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जब आंखों से 100 प्रतिशत दिव्यांग एक महिला की फैमिली आईडी में चार पहिया वाहन दर्शा दिया गया। जिससे उसका बीपीएल कार्ड काट दिया गया। पीड़ित महिला बीपीएल कार्ड दोबारा बनवाने के लिए चक्कर काट रही है। जब संबंधित विभाग ने उसकी शिकायत का समाधान नहीं किया तो पीडि़त महिला ने समाजसेवी एडवोकेट कैलाश चन्द की मदद से सीएम व उपायुक्त को पत्र भेजकर समस्या से अवगत कराया है। महिला का कहना है कि जहां वह 100 प्रतिशत आंखों से दिव्यांग है, वहीं शाम होने के बाद उसके पति को भी कम दिखाई देता है। वे किसी तरह मजदूरी कर परिवार को पाल रही है। उनके पास दो पहिया वाहन तक नहीं है।

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समाचारों के अनुसार शहर के मौहल्ला रामसिंहपुरा की पूनम देवी आंखों से दिव्यांग है और कुछ दिन पूर्व जब वह राशन लेने डिपो पर पहुंची तो पता चला कि उसकी राशन कार्ड कट गया है। राशन कार्ड कटने की वजह घर में चार पहिया वाहन का होना है। जबकि पीडि़ता का कहना है कि उनके पास दो पहिया वाहन तक नहीं है। कार्यालयों के काफी चक्कर लगाने के बाद भी जब उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह समाजसेवी एडवोकेट कैलाश चन्द के पास पहुंची और समस्या से अवगत कराया। जिस पर कैलाश चन्द ने उसकी मदद करते हुए सीएम व उपायुक्त को समस्या का समाधान करने, दोबारा बीपीएल कार्ड बनाने व संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने करने की मांग की है। साथ ही महिला ने सोमवार को समाधान शिविर में अपनी समस्या रखी है।

महिला का कहना है कि उनके दो बच्चे है और बीपीएल के राशन से उसका गुजारा हो रहा था। पहले उसका गुलाबी कार्ड बना हुआ था। लेकिन प्रशासन ने उसका गुलाबी कार्ड काटकर बीपीएल कार्ड बना दिया और अब बीपीएल श्रेणी से भी उसे बाहर कर दिया। ऐसा करके उसके साथ अन्याय किया गया है। उसने सरकार, प्रशासन व संबंधित विभाग से गुहार लगाई है कि उसका गुलाबी कार्ड बनाया जाए। ताकि उसका गुजारा हो सके। क्योंकि वह जहां 100 प्रतिशत आंखों से दिव्यांग है, वहीं उसके पति धर्मेन्द्र को भी कम दिखाई देता है। मेहनत मजदूरी कर वे किसी तरह परिवार को पाल रहे है।

कैलाश चन्द एडवोकेट ने कहा कि दिव्यांग पूनम उसके पास मदद के लिए आई थी। फूड सप्लाई विभाग ने उसे बीपीएल श्रेणी से बाहर कर दिया है। क्योंकि फैमिली आईडी में पीडि़त परिवार को चार पहिया वाहन का मालिक दर्शाया गया है। जबकि उसके पास ऐसा कोई वाहन नहीं है। संबंधित विभाग की लापरवाही या गलती से ऐसा हुआ है। विभाग को चाहिए कि दिव्यांग का तुरंत कार्ड जारी कर राशन दिया जाए।

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