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नामकरण के बावजूद सरकारी स्कूलों में शहीदों की प्रतिमाएं नहीं

रेवाड़ी, 10 जून (हप्र) राज्य सरकार द्वारा देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शहीदों के नाम पर राजकीय विद्यालयों का नामकरण तो कर दिया गया। लेकिन परिसर में शहीदों की न तो प्रतिमाएं लगाई गई और न ही कोई...
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रेवाड़ी, 10 जून (हप्र)

राज्य सरकार द्वारा देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शहीदों के नाम पर राजकीय विद्यालयों का नामकरण तो कर दिया गया। लेकिन परिसर में शहीदों की न तो प्रतिमाएं लगाई गई और न ही कोई स्मृति स्थल बनाये गए हैं। जब लोग व अभिभावक स्कूलों में जाते हैं तो शहीदों के जीवन व उनके शौर्य से जुड़ी गाथा भी उपलब्ध नहीं कराई जाती। इन सारी बातों को गंभीरता से लेते हुए सामाजिक संगठन आवाज फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपा।

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फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र रंगा लिसानिया व प्रदेश महासचिव सूबेदार मेजर सत्य नारायण सांभरिया निमोठ ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से देश की खातिर शहीद होने वाले वीरों के बलिदान को याद दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के 509 स्कूलों का नामकरण शहीदों के नाम पर रखे जाने का निर्णय लेकर उनको मान सम्मान दिया था। उन्होंने कहा कि स्कूलों मुख्य द्वार पर शहीदों के नाम तो लिखवा दिये गए हैं, लेकिन स्कूल परिसर में उनकी प्रतिमा, स्मृति स्थल व शौर्य गाथा नहीं है। इतना ही नहीं विद्यालय में शहीदों का जीवन परिचय तक अंकित नहीं किया गया है। ऐसे में स्कूल में पढऩे वाले बच्चे इन वीरों की गाथा को कैसे आत्मसात कर पाएंगे। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रतिमा व स्मृति स्थल स्थापित करना

जरूरी है।

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