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जर्जर स्कूलों में पढ़ने को मजबूर बच्चे

राजस्थान के झालावाड़ में हुये भीषण हादसे से अभिभावकों में दहशत
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राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिर जाने से कई बच्चों की मौत व कई के घायल होने की घटना से प्रदेश के अभिभावकों में डर समाया हुआ है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में से कई की स्कूल बिल्डिंग कमरे व बरामदे कंडम व जर्जर हालत में हैं। कई कमरों को तो पीडब्ल्यूडी ने जर्जर घोषित कर रखा है लेकिन छात्रों की संख्या के हिसाब से उचित कमरे न होने के कारण जर्जर कमरों व बरामदे में ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। मंच ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मांग की है कि राजस्थान के सरकारी स्कूल में हुई दर्दनाक घटना को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग, कमरे चारदीवारी की स्थिति की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में हरियाणा के किसी भी स्कूल में राजस्थान जैसी ऐसी दर्दनाक घटना न हो।

मंच ने मांग की है कि जिला शिक्षा अधिकारी से यह लिखित एफिडेविट लिया जाए कि फरीदाबाद जिले में किसी भी सरकारी स्कूल की बिल्डिंग व कमरे कंडम व जर्जर हालात में नहीं हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि 31 मई को ऑल इंडिया पैरेंटस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने मंच के पदाधिकारी व खेड़ीकलां के अभिभावक सतपाल नरवत के साथ खेड़ीकला गांव के दो गर्ल्स व बाल प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग व कमरों का निरीक्षण किया था, इनमें से एक स्कूल के कमरे व बरामदे 30 साल पहले बने हुए हैं जो इस समय जर्जर हालात में हैं। एक स्कूल के चार कमरे ज्यादा कंडम होने के तोड़ तो दिए गए हैं लेकिन उनकी जगह नए कमरों का निर्माण नहीं कराया गया है। कमरों की कमी के कारण बच्चों को अन्य कमरों में या जर्जर बरामदे में एक साथ दो-दो क्लास लगा कर पढ़ाया जा रहा है सबसे बड़ी बात तो यह है कि दोनों स्कूलों की हेड मास्टर ने कई पत्र लिखकर नए कमरे बनाने और कमरों की जर्जर होने की सूचना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को दी है लेकिन कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है शायद शिक्षा अधिकारी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी ही हालात ऊपर जा रही हाईटेंशन बिजली की तार व नीचे बहते नाले के ऊपर बनी स्लेब पर बने इंदिरा नगर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की है। इस स्कूल की बिल्डिंग व कैमरे पूरी तरह से जर्जर व कंडम हालत में हैं यह बात शिक्षा अधिकारियों की जानकारी में भी है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए शिक्षा निदेशक पंचकूला ने इस स्कूल को यहां से शिफ्ट करने के आदेश भी दे रखे हैं लेकिन जान हथेली पर रखकर कक्षा 1 से लेकर 12 क्लास के बच्चे अभी भी इस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि बल्लभगढ़ ब्लॉक के प्राइमरी व मिडिल स्कूल सीकरी, जवां, समेत कई स्कूलों में भी कई कमरों की हालत जर्जर व कंडम है।

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