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गौशाला के खाते से पौने दो लाख की शराब खरीदने, पौने दो करोड़ के गबन का आरोप

झज्जर, 2 जून (हप्र) विराेधी पक्ष द्वारा लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाए जाने से झज्जर के साल्हावास गांव की एक गौशाला विवादों में है। विरोधी पक्ष के एक धड़े ने गौशाला प्रबंधन पर करीब पौने दो करोड़ रुपए...
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झज्जर, 2 जून (हप्र)

विराेधी पक्ष द्वारा लाखों रुपये के घोटाले का आरोप लगाए जाने से झज्जर के साल्हावास गांव की एक गौशाला विवादों में है। विरोधी पक्ष के एक धड़े ने गौशाला प्रबंधन पर करीब पौने दो करोड़ रुपए की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। गौशाला प्रबंधन समिति के विरोधी धड़े ने सोमवार को अदालत में याचिका दायर की। विरोधी पक्ष का कहना था कि सालों-साल से इस गौशाला पर कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ है। दान में लिया गया जो पैसा गायों की देखभाल में खर्च किया जाना चाहिए था, उसे व्यक्तिगत हित में खर्च किया जाता है।

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विरोधी पक्ष का नेतृत्व कर रहे रणधीर सिंह व अन्य ने बताया कि वे पिछले लंबे समय से गौशाला में आए दान व आय-व्यय का ब्यौरा प्राप्त करने के लिए गौशाला प्रबंधन समिति से मांग कर रहे हैं। इस मामले में गांव में एक सामाजिक पंचायत भी हो चुकी है। इसी पंचायत के दबाव के चलते गौशाला कमेटी ने अपने पूरे कार्यकाल का लेखा-जोखा न देकर केवल साल 2024 का ही रिकार्ड यह कह कर दिखाया कि यदि उन्हें इस साल में गड़बड़ी मिलती है तो वह बाकी कार्यकाल का रिकार्ड भी दिखा देंगे। लेकिन उस साल का भी पूरा रिकार्ड उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया।

बाद में जब दबाव बढ़ा तो उन्हें पूरा रिकार्ड दिखाया गया। उसमें करीब पांच लाख की गड़बड़ी पाई गई। जिसे प्रबंधन समिति ने गौशाला के एक कर्मचारी पर ही इस गड़बड़ी का आरोप लगाकर उस पैसे को गौशाला के खाते में जमा करा दिया गया। लेकिन बाद में उन्हें अन्य साल का रिकार्ड नहीं दिखाया गया। इतना ही नहीं विरोधी पक्ष का यह भी आरोप है कि चुनाव के दौरान शराब खरीदी गई, जिसका भुगतान गौशाला के खाते से किया गया। यह करीब सवा लाख रुपए की रकम है। इसी से शराब खरीदे जाने की बात सामने आई है। विरोधी पक्ष का कहना है कि वह गायों के हित में न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। मकसद किसी को परेशान करना नहीं है।

अारोपों को बताया निराधार

गौशाला प्रबंधन नेआरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि प्रबंधन समिति की छवि को खराब करने के मकसद से आरोप लगाए जा रहे हैं।

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