बुराइयों को खत्म करने में आर्य समाज की अहम भूमिका : देवव्रत
गन्नौर (सोनीपत), 19 अप्रैल (हप्र)
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आर्य समाज ने देश के आजादी से लेकर नारी जाति के उत्थान, शिक्षा को बढ़ावा देने तथा समाज में फैली जात-पात व अन्य बुराइयों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है।
आचार्य देवव्रत ने शनिवार को गांधी नगर स्थित आर्य समाज मंदिर के भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अंग्रेजी शासन में ‘स्वराज’ का नारा बुलंद किया था। उनकी शिक्षाओं से प्रभावित होकर ही भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मदनलाल ढींगरा, स्वामी श्रद्धानंद जैसे वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा को उनके खान-पान व भाईचारे और संस्कृति के लिए जाना जाता था, लेकिन आज का हमारा युवा नशे का शिकार होता जा रहा है। इससे भाव व भाईचारा समाप्त होता जा रहा है। आज हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को नशे से बचाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आर्य समाज ने पूरे देश में एक पहल शुरू की है, जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आर्य समाज के विचारों से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। राज्यपाल ने आर्य समाज मंदिर को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की।
विधायक देवेंद्र कादियान ने कहा कि आर्य समाज देश की परंपरा, संस्कृति को जीवित रखने तथा समाज को नयी राह दिखाने का कार्य कर रहा है। आर्य समाज ने हमेशा अंधविश्वास व पाखंडता का विरोध करते हुए नारी शिक्षा व समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया, जिसका परिणाम आज हमारे सामने भी है। आर्य समाज की बदौलत ही बेटियों की शिक्षा के लिए गुरुकुलों की स्थापना की गई, जो आज भी बेटियों को जीवन में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। विधायक ने आर्य समाज मंदिर को 5 लाख रूपये देने की घोषण की।
इस मौके पर रणदीप कादियान, रेलवे वरिष्ठ अधिकारी विनीत चड्ढा, राज्यपाल के ओएसडी राजेंद्र, स्वामी नित्यानंद, आर्य विजयपाल सिंह, रमेश कुमार, राजेंद्र, अंकित मल्होत्रा, सतपाल पहलवान, यशपाल, संदीप, रामनिवास मौजूद रहे।