400 बच्चे खुले आसमान के नीचे तपती धरती पर बैठकर पढ़ने को मजबूर!
तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 22 मई
नगर के गढ़ी बोलनी रोड स्थित गांव शहबाजपुर पदैयावास के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 400 विद्यार्थियों को खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जर्जर व कंडम स्कूल भवन को पीडब्ल्यूडी व बीएंडआर ने असुरक्षित घोषित किया हुआ है। कमरों से प्लास्टर गिर रहे हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल जाने के नाम से डरने लगे हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 50 साल पुराने भवन को 6 माह पूर्व पीडब्ल्यूडी व बीएंडआर ने कंडम घोषित किया हुआ है। कमरों में लगातार प्लास्टर गिरने के कारण बच्चों की पढ़ाई खुले आसमान के नीचे 45 डिग्री तापमान के बीच करनी पड़ रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि बेंच न होने के कारण तपती जमीन पर बच्चों को बिठाया जा रहा है। दो दिन पूर्व कमरे की छत से प्लास्टर गिरा था। गनीमत यह रही कि उस समय बच्चे निकल चुके थे। बच्चे फिलहाल खुले आसमान के नीचे तो पढ़ रहे हैं, लेकिन उस समय स्थिति कैसी होगी, जब वर्षा का दौर शुरू हो जाएगा। फिर ये बच्चे कहां शरण लेंगे। स्कूल इंचार्ज संगीता तंवर ने कहा कि स्कूल के कमरे सेफ नहीं है। वर्षा के दिनों में छतें टपकती हैं और प्लास्टर गिरते हैं। दो दिन पूर्व भी प्लास्टर गिरा। उन्होंने कहा कि ऊपर से आदेश है कि बच्चों को कमरों में नहीं पढ़ाया जाए। ऐसे में उनके पास खुले आसमान के नीचे पढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। उन्होंने कहा कि इस स्कूल की जर्जर हालात को लेकर ग्राम पंचायत व शिक्षा अधिकारियों को लिखा गया है कि अन्यत्र स्थान उपलब्ध कराया जाए। प्राचार्य डाॅ. दिनेश कुमार गुप्ता ने माना कि स्कूल के लिए नये भवन की सख्त आवश्यकता है। संबंधित विभाग व अधिकारियों से पत्राचार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हमने एक आंतरिक कमेटी बनाई थी। उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक स्कूल के भवन का निर्माण नहीं होता, तब तक रेवाड़ी के सेक्टर-4 में खाली पड़े एक भवन में बच्चों को शिफ्ट किया जा सकता। जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष चन्द ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। वे जल्द ही इसका समाधान कराएंगे।