फर्रुखनगर व पटौदी क्षेत्र के 30 गांवों को सिंचाई के लिए मिलेगा शोधित पानी
गुरुग्राम/झज्जर, 23 मई (हप्र)
हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव व उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जिले में फर्रुखनगर व पटौदी क्षेत्र के किसान सरकार के जल संरक्षण के प्रयासों में सहभागी बनकर अपनी महती भूमिका निभाएं। इसके लिए क्षेत्र के करीब 30 गांवों को एसटीपी का शोधित पानी किसानी व बागवानी के लिए उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस सार्थक प्रयास में सभी लोग सहभागी बने, इस संदर्भ में अगले सप्ताह वे स्वयं क्षेत्र के किसानों के साथ संवाद करेंगे। पर्यावरण मंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम से झज्जर के बीच एसटीपी चैनल का निरीक्षण करने के उपरांत संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। राव नरबीर सिंह ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर के प्रति किसानों को जागरूक कर उन्हें एसटीपी का शोधित पानी इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि नहरी पानी को क्षेत्र की पीने के पानी की बढ़ती जरूरतों के अनुरूप इस्तेमाल में लाया जा सके।
कैबिनेट मंत्री ने अपने निरीक्षण दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने आज गुरुग्राम से झज्जर तक एसटीपी चैनल का निरीक्षण किया है। 500 एमएलडी की क्षमता वाली इस ड्रेन में अभी धनवापुर की कुल 218 एमएलडी क्षमता में से 75 एमएलडी पानी छोड़ा जा रहा है। जोकि झज्जर जिला में किसानों द्वारा खेती में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शोधित जल तकनीकों के माध्यम से अब एसटीपी का जल खेती के लिए सुरक्षित और उपयोगी हो चुका है। इससे भूजल स्तर में गिरावट को रोका जा सकेगा। राव नरबीर सिंह ने झज्जर के बाढ़सा स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), मुंडा खेड़ा पंप हाउस, याकूबपुर एसपीटी चैनल और रिलायंस एमईटी में आउट फॉल ऑफ ड्रेन नंबर आठ का निरीक्षण भी किया।
2028 तक सौ-सौ एमएलडी के दो एसटीपी लगेंगे
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि वर्तमान में धनवापुर में कुल 218 एमएलडी क्षमता के तीन व बहरामपुर में कुल 170 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी कार्य कर रहे हैं। इसी के साथ शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए बहरामपुर में वर्ष 2028 तक 100-100 एमएलडी क्षमता के दो नवीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए जाएंगे।