Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

नगर निगम के 21 अधिकारी जांच में दोषी

विकास कार्यों में गड़बड़ी का आरोप
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

गुरुग्राम, 6 मई (हप्र)

साल 2022-23 में नगर निगम ने वार्ड-24 के गांव मोहम्मदपुर झाड़सा में सड़क निर्माण, श्मशान घाट निर्माण, टाइल्स बिछाने और नाले के अपग्रेड करने के लिए करीब पांच करोड़ रुपये के अलग-अलग टेंडर लगाए गए थे।

Advertisement

नगर निगम गुरुग्राम में विकास कार्यों के नाम पर निगम अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार से मिलीभगत कर गड़बड़ी की गई। इसका खुलासा जब हुआ,तब ग्रामीणों के द्वारा शिकायत दी गई। शिकायत मिलने पर निगमायुक्त ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए।

जांच में हुआ यह खुलासा

जांच में सामने आया कि निगम अधिकारियों ने गांव मोहम्मदपुर झाड़सा के श्मशान घाट में चारदीवारी और शैड़ आदि लगाने के लिए निगम ने 41.59 लाख रुपये का टेंडर निजी एजेंसी को दिया था। इतनी राशि खर्च के बाद भी श्मशान घाट का काम पूरा नहीं हुआ तो निगम ने फिर से से 22.40 लाख रुपये का टेंडर लगाकर निजी एजेंसी को सौंप दिया, लेकिन इसके बाद भी निगम अधिकारी श्मशान घाट का काम पूरा नहीं करवा सके हैं। आज भी श्मशान घाट का काम अधर में लटका पड़ा है, लेकिन निगम ने दोनों ही एजेंसियों को पूरा भुगतान कर दिया। श्मशान घाट के अधूरे काम को पूरा भुगतान करने में जेई, एसडीओ,कार्यकारी अभियंता और पहले टेंडर में दोषी मिले। इसी काम के लिए लगे दूसरे टेंडर में एसडीओ , तुषार यादव दोषी मिले हैं।

नगर निगम ने गांव मोहम्मदपुर झाड़सा की ट्रक यूनियन से गांव सीही तक बीएम एवं बीसी के माध्यम से सड़क का निर्माण का टेंडर लगाया था। निगम ने निजी एजेंसी को एक करोड़ 63 लाख रुपये में यह काम सौंपा था। सड़क के दोनों तरफ से सड़क चौड़ीकरण के लिए टाइल्स लगानी थी, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि ठेकेदार ने निगम अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सड़क का काम अधर में ही छोड़ दिया। न तो सड़क बनी और ना ही सड़क के दोनों तरफ कोई टाइल्स लगी। इसके बाद भी निगम ने एजेंसी को पूरा भुगतान कर दिया। निगम की विजिलेंस में खुलासा हुआ है कि सड़क निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया और सड़क निर्माण में टेंडर में दिया गया काम पूरा नहीं किया। इस काम के लिए विजिलेंस ने दो जेई, दो एसडीओ और दो कार्यकारी अभियंता को दोषी पाया है। नगर निगम ने गांव मोहम्मदपुर झाड़सा की ट्रक यूनियन से गांव सीही तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए सात लाख 23 हजार रुपये से टाइल्स लगाने का टेंडर कृष्ण कुमार ठेकेदार को सौंपा गया। जांच में सामने आया कि टाइल्स गलत तरीके से लगाई हुई थी। जहां तक सड़क किनारे टाइल्स लगाई जानी थी वहां तक नहीं लगाई गई। जहां लगाई है वहां से भी टाइल्स उखड़ने लगी है। इस काम के लिए विजिलेंस की जांच में जेई, एसडीओ और कार्यकारी अभियंता को दोषी पाया है। इसके अलावा भी कई गड़बड़ी के मामले शामिल है।

ढाई साल तक चली जांच

करीब ढाई साल तक चली जांच के बाद 21 निगम अधिकारी दोषी मिले। निगम अधिकारियों पर आरोप है कि गांव में चल रहे विकास कार्य पूरे नहीं हुए और ठेकेदार को पूरा भुगतान हो गया। मौके पर आकर जांच भी नहीं करने का आरोप है।निगम की विजिलेंस जांच में 21 अधिकारी दोषी की रिपोर्ट को निगमायुक्त को भेज दी है। अब निगमायुक्त की तरफ से फैसला लिया जाएगा कि इन मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय निवासी ने इन सभी कामों को लेकर तत्कालीन निगमायुक्त को शिकायत दी थी कि निगम द्वारा उनके गांव में करवाए गए कार्य पूरे नहीं किए हैं, जबकि निगम ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके बिलों का पूरा भुगतान किया। तत्कालीन निगमायुक्त ने शिकायत की जांच के लिए विजिलेंस को आदेश दिए थे। इसके बाद से यह जांच लगातार लटकती रही। अब जाकर विजिलेंस ने जांच पूरी करके इसमें 21 अधिकारियों और ठेकेदारों को दोषी पाया है।

Advertisement
×