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Urban Farming पर्यावरण अनुकूल खेती में उज्ज्वल भविष्य

शहरों में पॉपुलर नयी तकनीक से तैयार जैविक उत्पाद
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जैविक तरीके से पैदा की गयी फसल यानी सब्जी उठाए एक युवती।
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कीर्तिशेखर

ऐसे युवा जो खेती में नवाचार लाना चाहते हैं तथा बिगड़ते पर्यावरण को अनुकूल बनाना चाहते हैं, उनके लिए अर्बन फार्मिंग और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर क्षेत्र शानदार फ्यूचरिस्टिक कैरियर है। इस क्षेत्र में ग्रीन हाउस टैक्नोलॉजी, वर्टिकल फार्मिंग टैक्नोलॉजी, हाइड्रोपोनिक्स और एक्वापोनिक्स व जैविक खेती जैसी पर्यावरण अनुकूल कृषि तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

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इस क्षेत्र में भविष्य

ग्लोबल वार्मिंग और बिगड़ती पर्यावरणीय स्थितियों के अनुरूप खेती के नये और सस्टेनेबल तरीके विकसित करने ही होंगे। यही वजह है कि आज दुनियाभर के शहरों में अर्बन फार्मिंग का मॉडल तेजी से उभर रहा है, जो कि कैरियर के लिहाज से भी उर्वर क्षेत्र है। शहरों में ताजे फलों और जैविक कृषि उत्पादों की बहुत मांग है। इसलिए अर्बन फार्मिंग का भविष्य शानदार नजर आता है। स्मार्ट सिटीज में शहर के भीतर ही खेती और बागवानी का भी प्रावधान किया जा रहा है। नतीजतन अर्बन एग्रीटेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे सैकड़ों स्टार्टअप्स पिछले कुछ सालों में शहरों में उभरकर सामने आये हैं। केरल के कोच्चि और तिरुवंनतपुरम शहरों में तीन दर्जन से ज्यादा एग्रीटेक स्टार्टअप नये तरीके से जैविक खेती करवा रहे हैं। बंगलुरु और मुंबई में भी बड़े पैमाने पर अर्बन एग्रीकल्चर की शुरुआत हो रही है। इसलिए इस क्षेत्र में कैरियर के शानदार अवसर हैं।

जरूरी शैक्षिक योग्यताएं

अर्बन फार्मिंग और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर में कैरियर बनाने के लिए कुछ पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकता है जैसे विज्ञान स्ट्रीम से 12वीं करने के बाद 4 साल की बीएससी एग्रीकल्चर या बीएससी हार्टीकल्चर डिग्री लेकर इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। वहीं फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स के साथ 12वीं करने के बाद 4 साल की बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग डिग्री इस क्षेत्र में कैरियर के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं 12वीं करने के बाद 6 महीने से 1 साल का डिप्लोमा इन अर्बन एग्रीकल्चर करके कैरियर बना सकते है। या फिर किसी भी स्ट्रीम से 10वीं-12वीं पास करने वाले छात्र 3 से 12 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स हाइड्रोपोनिक्स या ऑर्गनिक फार्मिंग में करके अर्बन फार्मिंग में कैरियर बना सकते हैं।

पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण संस्थान

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली, तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर से अर्बन फार्मिंग और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के लिए जरूरी पाठ्यक्रम पास किये जा सकते हैं। इसके अलावा गोबिंद बल्लभपंथ यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से भी आवश्यक डिग्री ली जा सकती हैं। वहीं डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, दिल्ली, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवपलमेंट रिसर्च, मुंबई, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टीकल्चर रिसर्च, बंग्लुरु व एमएटी इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, नोएडा से कर सकते हैं।

नौकरी के अवसर

इस क्षेत्र की शैक्षिक योग्यता हासिल करने के बाद कई क्षेत्रों में आपके लिए नौकरियां उपलब्ध होंगी। मसलन -भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्र और राज्य सरकारों के कृषि विभाग, नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एवं रूरल डेवलपमेंट, भारतीय खाद्य निगम, राष्ट्रीय हरित अधिकरण में अवसर मिल सकते हैं। वहीं निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स जैसे एग्रीटेक स्टार्टअप्स, अर्बन फार्मिंग कंपनियों व ऑर्गेनिक फार्मिंग कंपनियां में कैरियर के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध हैं। वहीं स्वरोजगार के जरिये हाइड्रोपोनिक्स और वर्टीकल फार्मिंग सेटअप, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की खेती और बिक्री, ग्रीन हाउस फार्मिंग और नर्सरी बिजनेस व एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी और एग्री टूरिज्म में भी भविष्य बना सकते हैं।

शुरुआती वेतन और पद

अर्बन फार्मिंग मैनेजर: शुरुआती वेतन 30 हजार से 50 हजार रुपये और 2-5 साल अनुभव के बाद 24-40 लाख रुपये सालाना पैकेज मिल सकता है। एग्रीटेक स्टार्टअप जॉब : शुरुआती वेतन 35-60 हजार रुपये और 2 साल एक्सपीरियंस के बाद 12-18 लाख रुपये का पैकेज मिल जाता है। हार्टीकल्चरिस्ट : शुरुआती वेतन 25-45 हजार रुपये प्रतिमाह के बाद 5 साल के अनुभव पर वेतन 8-12 लाख रुपये सालाना हो जाता है। एग्रीकल्चर रिसर्च असिस्टेंट : शुरुआती वेतन 30-50 हजार और 2 साल के एक्सपीरियंस के बाद 10-15 लाख रुपये पैकेज मिल जाता है। ऑर्गेनिक फार्मिंग एक्सपर्ट : शुरुआती वेतन 40-70 हजार रुपये प्रतिमाह होता है और 2 से 5 साल के अनुभव के बाद 18 से 30 लाख रुपये सालाना का पैकेज संभव है। स्वरोजगार यानी स्टार्टअप में शुरुआती फायदा 50 हजार से 1 लाख रुपये और उससे भी ज्यादा प्रतिमाह संभव है। जबकि सही तरीके से करें तो 5 साल बाद एनुअल टर्नओवर 1 से 5 करोड़ रुपये तक हो सकता है। -इ.रि.सें.

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