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इतिहास का विकल्प आजमाएं सिलेबस की थाह लेकर

यूपीएससी में ऑप्शनल का चुनाव
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कीर्तिशेखर

संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में जिन विषयों को हाई स्कोरिंग सब्जेक्ट माना जाता है, उनमें से एक हिस्ट्री या इतिहास भी है। वैसे स्कोरिंग के मामले में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और ज्योग्राफी को हिस्ट्री से भी ज्यादा आकर्षक माना जाता है। लेकिन यूपीएससी एस्पेरेंट के बीच स्कोरिंग को लेकर हिस्ट्री ज्यादा लोकप्रिय इस कारण से है कि हिस्ट्री से एग्जाम क्रैक करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2021 की यूपीएससी टॉपर श्रुति शर्मा का भी सब्जेक्ट हिस्ट्री रहा है। लेकिन जो लोग हिस्ट्री को सिर्फ आकर्षक स्कोरिंग सब्जेक्ट मानकर अपना ऑप्शनल चुनने की सोच रहे हों, उन्हें यह जरूर याद रखना चाहिए कि हिस्ट्री उन कुछ गिने-चुने विषयों में से है, जो बेहद विस्तृत हैं। यूपीएससी के हिस्ट्री सिलेबस की शुरुआत ‘प्री-हिस्टोरिक कल्चर इन इंडिया’ से होती है, जिसमें सोर्स ऑफ प्री-हिस्ट्री, पीरियोडाइजेशन ऑफ इंडियन प्री-हिस्ट्री, पाषाणकाल, पैलियोलिथिक यानी 20 लाख साल से 10 हजार साल पहले तक का इतिहास, मेसियोलिथिक यानी 10 हजार से 8 हजार साल पहले तक का इतिहास, नियोलिथिक यानी 8 हजार से 4 हजार साल तक का इतिहास, कैलोलिथिक यानी 4 हजार से 1500 साल तक का इतिहास, लौह युग यानी 1500 से ईसा पूर्व 200 साल तक, लौह युग का प्रभाव, जैसे टॉपिक पहला हिस्सा हैं।

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प्राचीन इतिहास के मुख्य विषय

इसके बाद अगर सिर्फ मुख्य विषयों की बात करें और इसके विस्तृत वर्गीकरण को छोड़ दें, तो वे हैं- पास्टोरल एंड फॉर्मिंग कम्युनिटीज़, इंडस वैली सिविलाइजेशन, वैदिक सोसायटी, प्री-मौर्यन पीरियड, ग्रोथ ऑफ जैनिज्म एंड बुद्धिज्म, द मौर्यन एम्पायर, पोस्ट-मौर्यन इंडिया (बीसी 200-एडी 300), इम्पीरियल गुप्ताज, हर्षवर्धन, इंडियाज कॉन्टैक्ट विद रेस्ट ऑफ एशिया, संगम पीरियड यानी साउथ इंडियन डॉयनेस्टीज। इतने मुख्य विषय सिर्फ प्राचीन इतिहास से संबंधित हैं। इन्हीं विषयों को विस्तार के रूप में देखें तो सिर्फ प्राचीन इतिहास में ही 25-30 किताबें पढ़ने के लिए हो जाती हैं।

पूछे गये सवाल कहीं से भी

हालांकि हम सब जानते हैं कि कोई भी परीक्षा, चाहे वह देश की सबसे जटिल मानी जाने वाली यूपीएससी एग्जाम ही क्यों न हो, डॉक्टरेट कराने के लिए नहीं होती और न ही उसके विस्तृत विषय का मतलब होता है कि हमें वह सब कुछ विस्तार से आना चाहिए। दरअसल यह पाठ्यक्रम के विस्तृत होने का मतलब ये होता है कि उस पेपर में पूछे गये सवाल कहीं से भी हो सकते हैं। जो लोग हिस्ट्री से यूपीएससी क्रैक करना चाहते है, उन्हें इस बात को गंभीरता से समझना चाहिए। क्योंकि करीब 20-25 किताबों में समेटे जा सकने वाले सिर्फ एंशेंट हिस्ट्री के अलावा उससे भी कहीं बड़ा हिस्सा मिडुअल हिस्ट्री का है। मिडुअल हिस्ट्री में पाठ्यक्रम जहां से शुरू होता है, वह 750-1200 वर्ष के बीच का कालखंड है। इस चैप्टर को मेजर डॉयनेस्टीज ऑफ अर्ली मिडुअल इंडिया के नाम से जानते हैं और इसमें 12 सब-चैप्टर हैं, जिसमें आठवीं सदी से लेकर 12वीं सदी तक के कालखंड को अलग-अलग विशेषताओं के साथ समेटा गया है।

मध्यकाल के इतिहास में भी ढेरों उपविषय

प्राचीन इतिहास की तरह ही मध्यकाल का इतिहास भी अपने विस्तृत उप विषयों में बंटा हुआ है। इसके मुख्य विषय हैं- चोलाज एंड अदर साउथ इंडियन किंगडम्स, अर्ली मुस्लिम इनवेजंस, द डेल्ही सल्टनेट (1206-1526 एडी), सेंट्रल एशियन पॉलिटिक्स एंड द एडवांस ऑफ बाबर टुअर्डस इंडिया, स्ट्रगल फॉर एम्पायर इन नॉर्थ इंडिया (अफगांस, राजपूत्स एंड मुगल), स्ट्रगल फॉर एम्पायर इन नॉर्थ इंडिया, द एस्टेब्लिसमेंट ऑफ द नॉर्थ इंडियन एम्पायर, कंसोलिडेशन एंड एक्सपैंशन ऑफ द एम्पायर-अकबर, स्टेट एंड गवर्नमेंट अंडर अकबर, अकबर्स रिलीजिअस व्यू, द डेक्कन एंड मुगल्स (अप टू 1657), औरंगजेब-रिलीजिअस पॉलिसी, नॉर्थ इंडिया एंड राजपूत, क्लाइमेक्स एंड क्राइसेस ऑफ मुगल एम्पायर द मैराथंस एंड द डेक्कन, सोसायटी स्ट्रक्चर एंड ग्रोथ, इकनोमिक लाइफ पैटर्न्स एंड प्रोसपेक्ट्स, रिलिजन, फाइन आर्ट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नॉर्दन इंडिया इन द फर्स्ट हॉफ ऑफ द एटींथ सेंचुरी और द मराठा बिड फॉर सुपरमेसी। ये इतने सारे मुख्य विषय हैं, जिनमें हर एक का विस्तार कम से कम एक किताब के रूप में तो होता ही है।

कम नहीं तीसरे, चौथे व पांचवें खंड

अगर हिस्ट्री के तीसरे और उसी में शामिल चौथे, पांचवें खंड को देखें तो ये भी इन दो से कहीं ज्यादा विस्तृत हैं, जिसमें मॉडर्न हिस्ट्री, पोस्ट इंडिपेंडेंस, कंसोलिडेशन और वर्ल्ड हिस्ट्री का विस्तृत पाठ्यक्रम शामिल है। स्कोरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला इतिहास विषय बहुत ही विस्तृत है। लेकिन अगर आपको इतिहास पढ़ने और सुनने में रोचक लगता है, तो इसके जरिये यूपीएससी को क्रैक करना काफी आसान होता है। क्योंकि हिस्ट्री जैसे विषय को बार-बार पढ़ने से वह पढ़ने के लिए बहुत आकर्षित करता है। वहीं इतिहास तथ्यों की बजाय कहानियों के आकार में होता है, इसलिए इसे याद करना रुचिकर है। यही वजह है कि यूपीएससी एग्जाम में पब्लिक एड और ज्योग्राफी के साथ हिस्ट्री को भी सबसे ज्यादा स्कोरिंग और उम्मीदवारों का पसंदीदा सब्जेक्ट माना जाता है। -इ.रि.सें.

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