भारत में पांच अक्तूबर से शुरू होने वाले एक दिवसीय विश्व कप का खुमार देश पर चढ़ना शुरू हाे गया है जो अगले 46 दिन तक छाया रहेगा। हर जुबान पर मैच के किस्से होंगे। चौकों-छक्कों का जिक्र होगा। मैच के लिए लगभग सभी टीमें भारत पहुंच चुकी हैं और अभ्यास मैच से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। वर्ष 1975 में शुरू हुए विश्व कप के दौरान यह पहला मौका है जब सभी मैच भारत में खेले जाएंगे। इससे पहले साल 1987, 1996 और 2011 में भारतीय उपमहाद्वीप में हुए विश्व कप में भारत के साथ श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश सह-मेजबान थे। यानी कुछ मैच इन देशों में खेले गए थे। इस बार भारत के ही 10 शहरों में 48 मुकाबले खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में भारत सहित 10 टीमें हिस्सा लेंगी।
विश्व कप में सभी टीमें राउंड रॉबिन लीग में एक-दूसरे से भिड़ेंगी। प्रत्येक टीम राउंड रॉबिन में 9 टीमों से खेलेगी। राउंड रॉबिन में जीती शीर्ष 4 टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी। पहला सेमीफाइनल 15 नवंंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में और दूसरा सेमीफाइनल 16 नवंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा। अगर भारत सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करता है तो वह अपना सेमीफाइनल मुकाबला मुंबई में खेलेगा। लीग चरण में 45 मुकाबले होंगे। इसके बाद दो सेमीफाइल अौर एक फाइनल मुकाबला होगा।
भारत, इंगलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को विश्व कप का दावेदार माना जा रहा है। भारतीय टीम इस समय गजब की फॉर्म में हैं। हाल ही में हुए एशिया कप में भारतीय बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया था। इस समय भारतीय टीम क्रिकेट के तीनों प्रारूपों टेस्ट, वनडे और टी-20 में नंबर वन की रैंकिंग पर है। क्रिकेट के इतिहास में यह दूसरा अवसर है, जब कोई टीम तीनों प्रारूप में नंबर एक पर काबिज है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने अगस्त 2012 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
इनामों की बारिश, विजेता को मिलेंगे 33 करोड़ रुपये
आईसीसी विश्व कप के दौरान एक करोड़ डॉलर (करीब 82.93 करोड़ रुपये) सभी विजेता टीमों को पुरस्कार के रूप में देगा। विश्व कप के विजेता को 40 लाख डॉलर (करीब 33.17 करोड़ रुपये), जबकि उपविजेता को 20 लाख डॉलर (लगभग 16.58 करोड़ रुपये) पुरस्कार मिलेगा। सेमीफाइनल में हार का सामना करने वाली दोनों टीमों को एक समान 8 लाख डॉलर (लगभग 6.63 करोड़ रुपये) मिलेंगे। नॉकआउट चरण में पहुंचने में नाकाम रहने वाली टीमों को एक लाख डॉलर (करीब 82 लाख रु़) मिलेंगे। ग्रुप चरण के मैचों के विजेता को 40 हजार डॉलर (लगभग 33.17 लाख रुपये) मिलेंगे।
नहीं होगा विश्व कप विजेता वेस्टइंडीज
एकदिवसीय विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार है कि 1975 और 1979 की चैम्पियन वेस्टइंडीज सीमित ओवरों के क्रिकेट में शीर्ष 10 टीमों में शामिल नहीं होगी। वह क्वालीफाइंग मुकाबले के सुपर सिक्स चरण में स्कॉटलैंड से हारकर बाहर हो गई थी। एक समय था, जब वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक मानी जाती थी। वनडे विश्व कप के साथ वह दो बार टी-20 विश्व चैंपियन रह चुकी है। पिछले कुछ सालों में उसका खेल स्तर गिरता चला गया। वेस्टइंडीज पहली बार वर्ष 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। वह 2019 विश्व कप में 9 में से सिर्फ दो मैच में जीत सकी थी।
10 टीमों के ये खिलाड़ी दिखाएंगे दम
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पंड्या (उप-कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, रवींद्र जड़ेजा, शार्दुल ठाकुर, जसप्रित बुमरा, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, आर अश्विन, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव।
अहमदाबाद : नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 1,32,000 है।
हैदराबाद : राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में 3 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 55,000 है।
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 23,000 है।
दिल्ली : अरुण जेटली स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 42,000 है।
चेन्नई : एमए चिदम्बरम स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 38,000 है
लखनऊ : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 50,000 है।
पुणे : महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 37,000 है।
मुंबई : वानखेड़े स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 32,000 है।
बेंगलुरु : एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 40,000 है।
कोलकाता : ईडन गार्डन में 5 मैच खेले जाएंगे। स्टेडियम की दर्शक क्षमता 66,000 है।
नवोदित खिलाड़ी जो मचा सकते हैं धूम
शुभमन गिल : भारतीय ओपनर शुभमन इस समय वनडे विश्व रैंकिंग में नंबर 2 पर हैं। वे शानदार फॉर्म में हैं।
हैरी ब्रूक : इंगलैंड के हैरी ब्रूक अपनी शानदार बल्लेबाजी से विरोधियों को परेशान करने की कूव्वत रखते हैं।
कॉनवे : न्यूजीलैंड का यह खब्बू बल्लेबाज बल्ले से किसी भी मैच का रुख बदलने का माद्दा रखता है।
क्लासेन : दक्षिण अफ्रीका का यह बल्लेबाज आईपीएल के दौरान अपनी बल्लेबाजी के जलवे दिखा चुका है।
मोहम्मद सिराज : इस तेज गेंदबाज ने एशिया कप में दिखाया कि उन्हें मिया मैजिक यूं ही नहीं कहते। वे गेंदों पर बल्लेबाजों को नचा सकते हैं।
5 दिग्गजों का हो सकता है आखिरी विश्वकप
विराट कोहली : क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली का यह आखिरी विश्व कप हो सकता है। वे 5 नवंबर को 35 साल के हो जाएंगे। ऐसे में 2027 के विश्व कप में उनके लिए खेलना आसान नहीं है।
जो रूट : अगला विश्व कप शुरू होने तक 32 वर्षीय जो रूट 37 के हो जाएंगे। ऐसे में वे 2023 विश्व कप के बाद एक दिवसीय मैचों से संन्यास ले सकते हैं।
स्टीव स्मिथ : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने अपने देश के साथ पिछले तीन विश्व कप टूर्नामेंट में भाग लिया है। उम्र 35 वर्ष के करीब है, ऐसे में उनकी अगले विश्व कप में खेलने की संभावना कम ही है।
केन विलियमसन : न्यूजीलैंड के कप्तान लगातार चोटों से जूझ रहे हैं। 33 साल के हो चुके। ऐसे में ये उनका अंतिम एक दिवसीय विश्व कप हो सकता है।
रोहित शर्मा : भारतीय कप्तान विश्व कप आयोजनों में अपने दबदबे वाले प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। 36 साल के हो चुके रोहित शर्मा के लिए भी यह आखिरी विश्व कप हो सकता है।
विश्व कप कब और कहां हुए
सत्र स्थान विजेता उप विजेता
1975 इंगलैंड वेस्टइंडीज ऑस्ट्रेलिया
1979 इंगलैंड वेस्टइंडीज इंगलैंड
1983 इंगलैंड भारत वेस्टइंडीज
1987 भारत/पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया इंगलैंड
1992 ऑस्ट्रेलिया/न्यूजीलैंड पाकिस्तान इंगलैंड
1996 भारत/पाक/श्रीलंका श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया
1999 इंगलैंड/आयरलैंड/स्कॉटलैंड ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान
2003 द. अफ्रीका/ केन्या/ जिम्बाब्वे ऑस्ट्रेिलया भारत
2007 वेस्टइंडीज ऑस्ट्रेलिया श्रीलंका
2011 भारत/ श्रीलंका/ बांग्लादेश भारत श्रीलंका
2015 ऑस्ट्रेलिया/ न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड
2019 इंगलैंड इंगलैंड न्यूजीलैंड
एक दिवसीय विश्व कप के रोचक आंकड़े
सर्वाधिक स्कोर : ऑस्ट्रेलिया 417/6 (50) विरुद्ध अफगानिस्तान, 2015 पर्थ में
न्यूनतम स्कोर : कनाडा 36 ऑल आउट (18.4) विरुद्ध श्रीलंका, 2003 पार्ल में
पारी में व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर : मार्टिन गुप्टिल (न्यजूीलैंड) 237 नॉटआउट (24 चौके, 11 छक्के) विरुद्ध वेस्टइंडीज, 2015, वेलिंगटन में
विश्व कप क्रिकेट में सबसे अधिक रन : सचिन तेंदुलकर, 45 मैच, 2278 रन, औसत 56.95, सर्वाधिक 152 रन, 6 शतक, 15 अर्धशतक
सबसे तेज दोहरा शतक : क्रिस गेल, 215 रन, दोहरा शतक 138 गेंदों पर जड़ा (10 चौके, 16 छक्के) विरुद्ध जिम्बाब्वे, 2015 केनबेरा में
सबसे तेज शतक : ओ ब्रायन (आयरलैंड) 113 रन, शतक मात्र 50 गेंदों पर जड़ा, विरुद्ध इंगलैंड, 2011 बेंगलुरु में
सबसे तेज अर्धशतक : ब्रैंडन मैकुलम (न्यूजीलैंड) 77 रन, अर्धशतक मात्र 18 गेंदों पर जड़ा, विरुद्ध इंगलैंड, 2015 वेलिंगटन में
पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी : ग्लेन मैकग्राथ (ऑस्ट्रेलिया) 7-4-15-7 विरुद्ध नामीिबया, 2003 पोर्ट चाफस्टूम में
सबसे अधिक विकेट : ग्लेन मैकग्राथ, 39 मैच, 71 विकेट, औसत 18.19, सर्वश्रेष्ठ 7/15
चार गेंदों पर चार विकेट : श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने (वेस्टइंडीज) में 2007 क्रिकेट विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुयाना में 4 गेंदों पर 4 विकेट चटकाये। एकदिवसीय क्रिकेट में यह कारनामा दिखाने वाले वे विश्व के एकमात्र गेंदबाज हैं।
विश्व कप क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के : क्रिस गेल (वेस्टइंडीज) 35 मैच, 49 छक्के
सर्वाधिक चौके : सचिन तेंदुलकर, 45 मैच, 241 चौके
सबसे अधिक शतक : सचिन तेंदुलकर, 45 मैच, 6 शतक, रोहित शर्मा, 17 मैच, 6 शतक
विकेटकीपर के सबसे अधिक शिकार : कुमार संगकारा (श्रीलंका) 37 मैच, 54 शिकार, (41 कैच+13 स्टंप)
सर्वाधिक विश्व कप खेलने का रिकॉर्ड : सचिन तेंदुलकर ने सबसे अधिक 6 विश्व कप टूर्नामेंट (1992, 1996, 1999, 2003, 2007 और 2011) खेले हैं।
सफलतम कप्तान : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग क्रिकेट विश्व कप के अब तक के सफलतम कप्तान रहे हैं। उन्होंने विश्व कप क्रिकेट में 29 मैचों में ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी की, जिनमें से 26 मैच जीते, मात्र 2 मैच हारे और एक मैच रद्द हुआ। रिकी पोंटिंग ने विश्व कप क्रिकेट में सबसे अधिक 46 मैच खेले हैं।
सफलतम क्रिकेट देश : ऑस्ट्रेिलया ने विश्व कप क्रिकेट इितहास में सबसे अधिक पांच विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीता है, सबसे अधिक 94 मैच खेले हैं व सबसे अधिक 69 मैचाें में जीत दर्ज की है, जो एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड है।
विश्व कप के अन्य रिकॉर्ड
* भारत के सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के जावेद मियादाद ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने सबसे अधिक 6-6 विश्व कप खेले हैं।
* शुरुआत में विश्व कप 60-60 ओवरों का खेला जाता था। हर गेंदबाज को पारी में अधिकतम 12 ओवर फेंकने के लिए मिलते थे। उन दिनों न तो मैदान में 30 गज का सर्किल होता था न ही फील्ड रिस्ट्रक्शन थी। 1987 में खेले गए विश्व कप से ये बदलाव शुरू हुए और मैच 60 ओवरों की बजाय 50 ओवर के कर दिए गए। पारी में एक गेंदबाज केवल 10 ओवर ही कर सकता है। भारत 60 ओवर और 50 ओवर का विश्व कप जीतने वाली पहली टीम है। उसने कपिल देव की कप्तानी में 1983 में 60 ओवर का विश्व कप जीता तो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वर्ष 2011 में 50 ओवर का विश्व कप जीता।
* विश्व कप का पहला मैच भारत और इंगलैंड के बीच लॉर्ड्स के मैदान में 1975 में खेला गया। इंगलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवर में चार विकेट पर 334 रन बनाए। वनडे विश्व कप में 300 या उससे ज्यादा रन बनाने वाला इंगलैंड पहला देश बना।
* विश्व कप की सबसे पहली गेंद भारतीय गेंदबाज मदनलाल ने फेंकी थी। पहली विकेट मोहिन्दर अमरनाथ ने ली थी।
* विश्व का पहला छक्का इंगलैंड के कीथ फ्लेचर ने भारत के खिलाफ मारा था।
* विश्व कप का पहला शतक भी इंगलैंड के बल्लेबाज डेनिस एमिस ने भारत के खिलाफ पहले ही मैच में लगाया था। उन्होंने 137 रन की रिकार्ड पारी खेली थी।
* भारत के सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने पहले विश्व कप में अनोखा रिकार्ड बनाया। उन्होंने इंगलैंड के खिलाफ मैच में पूरे 60 ओवर बल्लेबाजी करते हुए मात्र 60 रन बनाए और वे नाबाद रहे। अब तक का ये सबसे धीमी पारी का रिकार्ड है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।