नरेंद्र कुमार
मैट (मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट) की मई सेमेस्टर की परीक्षाओं में बैठने वाले जो परीक्षार्थी इन दिनों पूरी तरह से पढ़ाई में लगे हैं उन्हें परीक्षा की तैयारी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर भी ध्यान देना जरूरी है। ये परीक्षाएं 19 मई, 24 मई, 26 मई और 31 मई व 2 जून को होंगी। 19 मई को आईबीटी मोड यानी इंटरनेट मोड पर आधारित परीक्षा होगी। 24 मई को इंटरनेट-2 आईबीटी-2 मोड पर आधारित होंगी और 26 मई को सीबीटी यानी कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी और 31 मई को आईबीटी तीसरे मोड की परीक्षा होगी जबकि 2 जून को पेपर आधारित यानी पीबीटी मोड पर परीक्षा होगी। गौरतलब है कि मैट की परीक्षाएं साल में 4 बार होती हैं- फरवरी, मई, सितंबर और दिसंबर के माह में। ये परीक्षाएं देश के 27 शहरों में पीबीटी मोड यानी पेपर आधारित परीक्षण के तौर पर होती हैं, जबकि 26 शहरों में कंप्यूटर आधारित यानी सीबीटी मोड में होती हैं। इंटरनेट मोड पर भी ये परीक्षाएं होती हैं, जिसे आईबीटी मोड भी कहा जाता है और इसके शहर तय नहीं हैं।
देश के करीब 800 एमबीए कॉलेजों में प्रवेश की राह
देशभर के 800 से ज्यादा एमबीए कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए योग्यता ग्रेजुएशन है। आप किसी भी फील्ड में, कितने ही अंकों से या किसी भी श्रेणी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं, तो आप मैट परीक्षा में बैठने के योग्य हैं। अगर आप अंतिम वर्ष के स्नातक छात्र हैं तो भी इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी आसान है, क्योंकि बाद में आप किस श्रेणी से ग्रेजुएशन में पास होते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
पांच खंड, 150 प्रश्न –ऐसे बांटें टाइम
इस परीक्षा में 150 प्रश्न होते हैं और ये प्रश्न पांच खंडों में बंटे होते हैं। हर खंड में 30 प्रश्न होते हैं और यह पूरा पेपर दो घंटे में करना होता है। अगर आप आगामी 19 मई से होकर 2 जून तक होने वाली मैट परीक्षाओं में बैठ रहे हैं, तो कुछ सजग बनाने वाले टिप्स पर अमल करके संभावनाएं और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। सबसे पहले तो आदर्श रूप से हर उम्मीदवार को परीक्षा के पहले चार खंडों में हर एक खंड में सिर्फ 25 मिनट और जीके पर 15 मिनट खर्च करने चाहिए। मैट परीक्षा के पाठ्यक्रम में जो विषय मुख्य रूप से शामिल हैं, उसमें डेटा विश्लेषण, डेटा पर्याप्तता, गणितीय कौशल और भारतीय तथा वैश्विक पर्यावरण को लेकर भी इस परीक्षा में महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते हैं।
एडमिट कार्ड परीक्षा हॉल में जरूरी
इस परीक्षा में शामिल होने के लिए एडमिट कार्ड, आधिकारिक वेबसाइट mat.aima.in से डाउनलोड किया जा सकता है। एडमिट कार्ड परीक्षा परिसर के लिए जरूरी है। एमएटी परीक्षा में बैठने वालों को इस बात पर खास तौर पर ध्यान देना चाहिए कि आपको यह बात पता होनी चाहिए कि इस परीक्षा में आप अपनी रणनीति के मुताबिक दो घंटों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से कर सकते हैं, ऐसा कोई नियम नहीं होता कि एक अनुभाग में इतना ही समय दिया जाए। वैसे आदर्श रूप में जैसा कि शुरू में भी बताया गया है कि खुद ही परीक्षापत्र को चार अनुभागों में बांट लें, हर एक के लिए 25 मिनट खर्च करें व जीके सेक्शन के लिए 15 मिनट बचाकर रखें। मैनेजमेंट से संबंधित यह मानसिक परीक्षण काफी बड़ा होता है, इसलिए अगर पढ़ते-पढ़ते एकदम से ब्लैंक कर रहे हों तो कुछ मिनटों के लिए आंख मूंदकर रिलैक्स करें। लगातार सवालों को पढ़ने की जगह एक सवाल पढ़कर एक-दो मिनट शांत होकर उसका जवाब देना चाहिए।
अच्छी तैयारी के साथ हों अपीयर
ध्यान रहे यह अखिल भारतीय परीक्षा है, इसलिए काफी कठिन होती है। इसलिए परीक्षा में बैठने से पहले अच्छी तैयारी करनी चाहिए। इस मामले में ये परीक्षा थोड़ी बेहतर है कि इसमें कोई उम्र की सीमा नहीं है और न ही यह तय है कि आप कितने अटैम्ट कर सकते हैं। जैसा कि शुरू में बताया गया है कि तीन अलग-अलग तरीके से परीक्षा होती हैं, जो भी तरीका आपको ज्यादा अनुकूल लगे, उसी में एग्जाम दीजिए। यदि आप सही तरीके से एग्जाम देना चाहते हैं तो कम से कम चार महीने नियमित हर दिन छह से आठ घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए। ये एग्जाम काफी टफ होता है, क्योंकि देशभर के मैनेजमेंट कॉलेजों में इसी के जरिये एडमिशन होता है। लेकिन परीक्षा इतनी भी जटिल नहीं होती कि आप परीक्षा में बैठने के पहले ही हार मान लें। केवल अपने आपसे ज्यादा सजग रहने की उम्मीद करें। हालांकि बहुत जल्द-जल्द परीक्षाओं में बैठने से बेहतर है कि कम से कम एक साल का निजी अध्ययन करें, इसके बाद परीक्षाओं में बैठें। -इ.रि.सें.