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रात में जागने के नुकसान की भरपाई दिन में अच्छी नींद से

रात को नहीं सोने से सेहत को नुकसान होता है। लेकिन नाइट शिफ्ट जॉब या अन्य वजह से रात को जागना पड़े तो दिन में गुणवत्तापूर्ण नींद लेकर उसकी भरपाई कर सकते हैं। दिन में सोने के लिए कमरे का...
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रात को नहीं सोने से सेहत को नुकसान होता है। लेकिन नाइट शिफ्ट जॉब या अन्य वजह से रात को जागना पड़े तो दिन में गुणवत्तापूर्ण नींद लेकर उसकी भरपाई कर सकते हैं। दिन में सोने के लिए कमरे का अनुकूल वातावरण व एंकर स्लीप, रात में पॉवर नैप के अलावा हल्के-सुपाच्य भोजन नींद की अच्छी क्वालिटी सुनिश्चित होती है।

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डॉ.माजिद अलीम

कई बार ऐसी मजबूरी आ जाती है कि न चाहते हुए भी हमें रतजगे करने पड़ते हैं। नौकरी में नाइट शिफ्ट या किसी अन्य कारण से अगर हमें रतजगे करने पडे़ं, तो इससे सेहत को होने वाले नुकसान की भरपायी कैसे करें? इसके लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, नेशनल स्लीप फाउंडेशन और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली ने कई ऐसे उपाय सुझाये हैं, जिससे लोग रात में जगने के कारण अपने स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।

दिन में ‘एंकर स्लीप’ लें

अगर किसी वजह से आपके लिए रात में जागना मजबूरी है, तो रात में न सोने से होने वाले स्वास्थ्य की भरपाई करने के लिए दिन में कम से कम एक एंकर स्लीप जरूर लें। यानी 4-5 घंटे तक लगातार सोना। रात में जगना पड़ रहा है, तो दिन में जब भी सोएं कोशिश करें कि 4-5 घंटे की नींद एक साथ लें। वास्तव में यही आपकी मुख्य नींद मानी जायेगी। यह नींद दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच हो।

सोने का माहौल सुधारें

अगर रात में नहीं सो पा रहे, तो दिन में जब भी सोएं, आपके सोने का एक हेल्दी माहौल होना चाहिए। यानी सोने की जगह ऐसी हो, जहां अंधेरा, ठंडक और शांति हो। अगर जरा भी इन स्थितियों में कमी हो तो आंखों पर स्लीप मास्क और कानों में ईयर प्लग लगाकर सोएं। जहां सोएं अगर वहां प्राकृतिक रोशनी आ रही हो, तो ब्लैक आउट कॉटन लगाएं।

भारी भोजन और कैफीन से परहेज

अगर आप रात की शिफ्ट में काम करते हैं तो कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल सिर्फ रात की शिफ्ट में काम करते वक्त शुरुआत के समय ही करें यानी जब सोने जा रहे हों तो सुनिश्चित करें कि उसके 6 घंटे पहले तक ऐसी किसी चीज का सेवन न किया हो। वहीं जब भी रात में जगने के कारण दिन में सोना हो तो सोने के पहले भारी भोजन बिल्कुल न करें, हल्का फुल्का और सुपाच्य खाना खाएं ताकि वह नींद आने के पहले ही पच जाए।

रात में ‘पावर नैप’

रात की शिफ्ट के दौरान अगर संभव हो तो 20 मिनट या आधे घंटे की कम से कम एक ‘पॉवर नैप’ या नींद की तेज झपकी जरूर ले लें। इससे रात में जगने के दौरान सतर्कता बनी रहती है व किसी हद तक दिन में सोते समय रात की नींद की कमी भी पूरी हो जाती है। इसी तरह अगर रात में जगने के कारण दिन में नींद आने में दिक्कत हो तो अपने डॉक्टर से मिलें और उनकी सलाह से मेलाटोनिन सप्लीमेंट ले सकते हैं।

प्राकृतिक रोशनी का एक्सपोजर संतुलित रखें

रात की शिफ्ट से जब सुबह घर आएं तो आंखों को धूप के एक्सपोजर से बचाने के लिए चश्मा लगाएं या फिर उजाले से दूर रहें ताकि शरीर को रात की स्थिति में रहने का अहसास बना रहे। इसी तरह रात की शिफ्ट के शुरुआती समय रोशनी वाली जगह पर रहें, जिससे दिमाग में सतर्कता बनी रहे। साथ ही अगर लगातार रात में जगना पड़ रहा हो और दिन में सोना, तो कम से कम सप्ताहांत यानी छुट्टी में, बहुत ज्यादा नींद या अलग रूटीन से बचें।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

अगर लगातार नाइट शिफ्ट करनी पड़ रही है या किसी वजह से लगातार आपको रात में जगना पड़ रहा है, तो सिर्फ दिन के समय रात की नींद की भरपाई नहीं करनी होती बल्कि अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। इसके लिए नियमित ध्यान करें, योगाभ्यास करें, हल्की कसरत करें और परिवार के साथ जुड़ाव बनाये रखें। इस तरह अगर आप चाहें तो रात में जगने के नुकसान की किसी तरह भरपाई कर सकते हैं।                                                                                 -इ.रि.सें.

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