पुष्पेश पंत
मिक्स दाल हम सबकी कमजोरी है। इसके कई रूप जेहन में आते हैं जिनमें पंचरंगी, राजस्थानी, क्योती हैदराबादी, पहाड़ी मिली-जुली दाल शामिल हैं। इनके अलावा तीन साबुत पीली दालों-मूंग, उड़द व अरहर की त्रिवेणी भी। खाकर पेट भर जाएगा, लेकिन मन नहीं भरेगा। इसके बारे में पुरानी कहावत भी है-‘फकत दाल रोटी, बाकी सब बात खोटी।’ असल में अच्छी स्वादिष्ट सिंपल दाल बनाने में महारत हासिल करना सब्जी की क्लिष्ट तरी बनाने से कहीं ज्यादा मुश्किल है। इसमें मूलभूत चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है और अगर कुछ भी गड़बड़ हो गयी तो वह मसाले और सुगंधियां डालने पर छुपने वाली नहीं होगी। लेकिन ये आशंकाएं छोड़ आप टेस्टी दाल बनाएं। अपने पाठकों को इस बार हम जिस रेसिपी के बारे में बता रहे हैं, वह हमारे दिवंगत मित्र जिग्स कालरा द्वारा प्रेरित क्रिएशन के बारे में है, जो अासफ़ज़ाही निज़ाम की रिवायत के तहत ‘सेवन रॉयल सैल्यूट्स’ को तड़का लगाने के संदर्भ में पुन: नये रूप में सामने लायी गयी। उन्होंने एक तय व खास क्रम में ही तड़का लगाने की बात कही है। हालांकि दो जरूरी मसालों हींग व तेज पत्ता के अलावा बाकी सामग्री आप अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें तो तड़के में कढ़ी पत्ते व कसूरी मेथी भी यूज कर सकते हैं। बस मकसद है नफासत से आपके बाउल में रंग-बिरंगी दालों के साथ फ्लेवर्स की मनमोहक लय पैदा करना। हां, इस मिश्रण में कोई भी पसंदीदा दाल डाल सकते हैं व किसी को छोड़ भी सकते हैं। सात्विकता के लिहाज से कई लोग प्याज-लहसुन नहीं डालते, लेकिन हमें लगता है कि इन दोनों को छाेंक में डालने से ही इस रेसिपी के स्वाद की राजसी शान उभर कर आएगी। वहीं धनिये-पुदीने को बारीक काटकर डालने से ये दाल और बेहतर होगी। इन दालों का मूल स्वाद बनाये रखना है तो तय सामग्री के अलावा अपनी तरफ से इसमें कोई पाउडर या मसाला न डालें। यह रेसिपी भारतीय रसोई में तैयार होने वाले उन चंद व्यंजनों में से एक है जिनमें हल्दी व धनिया पाउडर का प्रयोग नहीं होता है। फिर भी अगर डालनी ही है तो इनकी एक बड़ी चुटकी डाल लें लेकिन जब दाल उबलने लग जाये उसके बाद हल्दी बिल्कुल न डालें। बेशक देख न पायें लेकिन आप इस तड़के को महसूस करेंगे। और यही बात इस साधारण रेसिपी को खास बनाती है।
विभिन्न किस्म की दाल, अदरक व नमक
काली माह या उड़द (पूरा) : 40 ग्राम, काला चना : 40 ग्राम, चने की दाल : 40 ग्राम, अरहर : 40 ग्राम, कुलथी : 40 ग्राम, मलका मसूर : 40 ग्राम, राजमा : 40 ग्राम, अदरक पेस्ट : 1 बड़ा चम्मच, नमक : स्वाद अनुसार
तड़के के लिए सामग्री
हींग : 1/4 छोटा चम्मच, तेज पत्ता : 1, सूखी लाल मिर्च : 1, हरी मिर्च : 1, जीरा : 1/2 छोटा चम्मच, लहसुन की कलियां : 2, काली मिर्च : 6-8, घी : 1/3 कप
विधि : काली माह यानी जिसे उड़द भी कहा जाता है, राजमा और काले चने को रात भर भिगोएं। बाकी दालों को बनाने से पहले 30 मिनट के लिए भिगो दें। प्रेशर कुकर में पानी उबाल लें। इसमें दाल, नमक और अदरक का पेस्ट डालें। 20 मिनट के लिए प्रेशर कुकर में पकाएं। प्रेशर को खुद ही कम होने दें। खोलकर तड़का लगाना शुरू करें। एक कड़ाही में जरा सा घी गरम करें। फिर हींग और तेज पत्ता डालें। दाल को अच्छी तरह से हिलाएं। मद्धम आंच पर 5 मिनट तक खुला पकाते रहें। इसके बाद एक और तड़का। थोड़ा और घी गर्म करके उसमें जीरा, लौंग और काली मिर्च डालकर छौंक लगाएं। अब इसे हिलाएं। अगले पांच मिनट तक पकाना जारी रखें। अब गरम घी में लाल और हरी मिर्च डालिये और रंग बदलते ही दाल के ऊपर डाल दीजिये। अच्छी तरह से मिला लें। रोटी या चावल के साथ परोसें। यदि आप रात में दाल को भिगोना भूल गए हैं, तो इन सभी को आधा घंटा एक साथ भिगो दें और तड़के से पहले थोड़ा सा मैश कर लें। अब प्लेट में डालकर खाइये व महसूस कीजिये सतरंगी दाल की महक और स्वाद।