डॉ. मोनिका शर्मा
कभी फेसबुक पर एक युवती से दोस्ती, शादी का वादा और फिर शोषण तो कभी इंस्टाग्राम पर फोटोज़ की तारीफ़ कर आम सी गृहिणी को इमोशनल जुड़ाव के जाल में फंसा लेने की ख़बर| कहीं इलाज के नाम पर लाखों रुपयों की लूट तो किसी मामले में फेक आइडेंटिटी के बहकावे में आकर किसी युवती का घर छोड़ देना| कहीं अपनी ही निजता को ताक पर रखकर अभद्र रील्स बनाने का जुनून तो कहीं वर्चुअल इमेज के जाल में फंसकर खुद को ही तनाव और अवसाद के घेरे में ले आने के उदाहरण| अफ़सोस कि ऐसे समाचार अब आम हैं| बावजूद इसके आए दिन महिलाएं भावुकता के ऐसे जाल में फंसती रहती हैं| जरूरी है कि आप वर्चुअल दुनिया के फेक वादों और अनजान लोगों के फरेब से बचने के लिए सजग रहें|
वर्चुअल झूठ को समझें
इमोशनल फ्रंट पर महिलाओं को अपने जाल में फंसाने वाले लोग ब्लैकमेलिंग, मदद के नाम पर ठगी, फोटोज मॉर्फ़ कर वायरल कर देने की धमकी देने जैसे काम करने से पहले अपनी खास वर्चुअल इमेज का खाका तैयार करते हैं| अपनी प्रोफाइल पर दिखने वाली तस्वीरें, बातें, कोट्स या कोई व्यक्तिगत विचार- प्लानिंग के साथ साझा कर अपनी सेंसेटिव छवि गढ़ते हैं जिसके चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाएं इनसे प्रभावित हो जाती हैं व कई बार आभासी संवाद असली मेलजोल तक पहुंच जाता है| बातचीत के दौरान ऐसे लोग महिलाओं से उनके पर्सनल जीवन से जुड़ी जानकारियां कुछ यूं जुटाते रहते हैं कि वे उनकी चालबाजी समझ ही नहीं पातीं| अब यह जाना कैसे जाये कि किसी की वर्चुअल इमेज सच है या झूठ के रंग में रंगी है? यह पता करना बहुत मुश्किल है| पर सजगता के साथ संवाद, बेवजह के मेलजोल के आग्रह को समझना और निजी बातों को साझा करने से परहेज तो किया ही जा सकता है|
छुपाएं नहीं, सहायता लें
वर्चुअल दुनिया में होने वाली ठगी और शोषण की कई घटनाएं बताती हैं कि ब्लैकमेलिंग या सेक्सुअल हैरेसमेंट की हद तक पहुंच जाने वाले मामले भी लड़कियां और महिलाएं अपने परिवारजनों से साझा नहीं कर पातीं| चुप्पी साध लेती हैं जिसके कारण इस जाल में और उलझती जाती हैं| दूसरी ओर आपराधिक मानसिकता वाले अनजान इन्सान की हिम्मत बढ़ती जाती है| ऐसे में किसी वर्चुअल फ्रेंड की अजीबोगरीब बातचीत, सन्देश या मांग के बारे में घर वालों को जरूर बताएं| ऐसा करना आपको हिम्मत देगा व जाल में फंस जाने की गलती का अपराधबोध भी नहीं होगा| अगर फरेब को समझने में गलती हो ही जाये तो भी समय रहते अपनों से साझा कर इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजें| अपने अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग बदलें| जरूरी हो तो कानूनी मदद लें|
निजता का रखें ख्याल
सोशल मीडिया मंच हर बात या हालात वहां शेयर कर लेने के लिए नहीं है। कई क्रिमिनल मानसिकता के लोग दोस्त बन आपके मनोविज्ञान को समझ-जान लेते हैं। आपकी पोस्ट, विचारों और तस्वीरों के जरिए जिन्दगी में आ रहे उतार-चढ़ाव को भांप लेते हैं। उसी के मुताबिक़ आपसे संवाद करते हैं। झूठा अपनापन दिखा विश्वास कमाते हैं। हमदर्दी का यह खेल कई बार तो समझ ही नहीं आता और कई बार समझने में बहुत देर हो जाती हैं। जैसे, पैसे की ठगी का इरादा होगा तो तस्वीरों के माध्यम से आपकी जीवनशैली, आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगाकर मदद के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। यदि आप हर समय थके-ऊबे मन को लेकर बात करती हैं तो लोग आपको भावनात्मक रूप से कमजोर समझ ऐसे पहलुओं पर बात करेंगे, जो आपको अच्छा महसूस करवाएं। उनका इरादा आमतौर पर बुरा होता है। ऐसे लोग कई बार बाकायदा ग्रुप बना चालबाजी को अंजाम देते हैं। महिला के नाम और तस्वीर के साथ फेक आईडी बनाने और किसी महिला दोस्त के जरिए आपके बारे में जानकारी जुटाकर भी अपनी बिसात बिछाते हैं। इसीलिए सोशल मीडिया के संसार में सुरक्षित रहने के लिए सजगता जरूरी है।