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पंजाब की यादगार सिनेमाई विरासत

समाज का अपनी कलात्मक व साहित्यिक धरोहर से परिचित होना जरूरी है ताकि वह उससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़े। फिल्में भी इसमें शामिल है। पंजाब में राज्य में ऐसी पहल सिनेमा उत्सव के जरिये की गयी। भीम राज गर्ग...
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समाज का अपनी कलात्मक व साहित्यिक धरोहर से परिचित होना जरूरी है ताकि वह उससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़े। फिल्में भी इसमें शामिल है। पंजाब में राज्य में ऐसी पहल सिनेमा उत्सव के जरिये की गयी।

भीम राज गर्ग

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पंजाब की कलात्मक और साहित्यिक विरासत बहुत समृद्ध है। नयी पीढ़ी भी इसके बारे में जागरूक हो इसके लिए इस धरोहर को पुनर्जीवित करना होगा। पंजाब कला परिषद की ऐसी ही मुहिम है प्रदेशभर में ‘पंजाब नव सृजना’ महोत्सव के तहत रंगमंच, संगीत समारोह एवं कला प्रदर्शनी आदि कार्यक्रम आयोजित करना। महोत्सव मोहिंदर सिंह रंधावा, सुरजीत पातर और मातृभाषा पंजाबी को समर्पित करना भी तार्किक है। विरासत संजोने में पंजाबी सिनेमा का भी योगदान बड़ा है जिसे उजागर करने को हाल ही में चंडीगढ़ में सिनेमा उत्सव जैसे आयोजन प्रासंगिक ही कहे जायेंगे।

फिल्मों की यात्रा का सुनहरा दौर

दरअसल, पंजाब रंगमंच और अन्य कलाओं में अग्रणी रहा है। सिनेमा उत्सव में फिल्म इतिहासवेत्ता भीम राज गर्ग ने पंजाबी सिनेमा के उद्भव से लेकर सुनहरी दौर तक निर्मित पंजाबी फिल्मों से जुड़ी अल्पज्ञात एवं रोचक जानकारियां दर्शकों से साझी की। इनमें नूरजहां द्वारा गाये प्रथम गीत ‘लांघ आजा पत्तन चन्ना दा‘ की रिकॉर्डिंग भी थी। उन्होंने फोटो, ऑडियो एवं वीडियो क्लिपिंग्स भी दिखायी मसलन विश्व की प्रथम मूक फिल्म ‘अराइवल ऑफ़ ट्रेन’, कुंदन लाल सहगल की प्रथम फिल्म ‘कारवां-ए-हयात’। प्रदेश में सार्थक सिनेमा की जरूरत है इसी विचार को करणवीर सिबिया ने सामने रखा। वहीं वरिष्ठ सिनेमेटोग्राफर वीरेंदर सैनी ने इस पेशे में आने वाली चुनौ्तियों की जानकारी दी।

सार्थक सिनेमा की जरूरत

प्रदेश में सार्थक सिनेमा की जरूरत है। इसके लिए मणि कौल जैसे निर्देशक की फिल्मों का विश्लेषण किया फिल्मकार देविंदर पाल ने। समांतर सिनेमा के दौर में मणि कौल ,गोबिंद निहलानी, श्याम बेनेगल जैसे निर्देशक अग्रणी रहे हैं।

एआई के सकारात्मक पक्ष भी

सिनेमा और कला जगत के लिए एआई मानवीय बुद्धि की जगह नहीं ले सकती। इसका सकारात्मक इस्तेमाल किया जाये। इस पर रोशनी डाली डॉ. हरजीत सिंह ने।

फिल्म का प्रदर्शन

फिल्म ‘पहाड़ों में आग- फिल्म निर्माता अजीतपाल सिंह की यात्रा’ प्रदर्शित की गयी। पंजाब सिनेमा तथा डिजिटल कला अकादमी के तत्वावधान में हुए आयोजन में कला परिषद अध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह सावी, उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह ग्रेवाल, राज्य सभ्याचार मामलों के सलाहकार दीपक बेदी व अकादमी अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह व सचिव प्रीतम रूपल शामिल हुए।

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