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बारिश में खास देखभाल से ही स्किन और बालों का बचाव

रिमझिम का मौसम जहां गर्मी से राहत दिलाता है वहीं त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को लेकर कई समस्याएं भी साथ लेकर आता है। इसकी वजह हैं नमीयुक्त वातावरण व उमस। इस दौरान दाद-खाज, रैशेज, घमौरियां व पैरों में फंगल...
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रिमझिम का मौसम जहां गर्मी से राहत दिलाता है वहीं त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को लेकर कई समस्याएं भी साथ लेकर आता है। इसकी वजह हैं नमीयुक्त वातावरण व उमस। इस दौरान दाद-खाज, रैशेज, घमौरियां व पैरों में फंगल इन्फेक्शन के अलावा मुंहासे हो सकते हैं या फिर बालों की समस्याएं। बारिशों के दौरान स्किन व बालों की देखभाल कैसे करें, इसी विषय पर दिल्ली स्थित त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सीरिशा सिंह से रजनी अरोड़ा की बातचीत।

बारिश के मौसम में नमीयुक्त उमस भरे वातावरण में आप पसीने से तर-ब-तर रहते हैं। साथ ही रिमझिम में भीगने के कारण आपकी त्वचा और बालों को कई तरह के इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है। तो पसीने और नमी के कारण स्किन पर हैवीनेस की लेयर ज्यादा मोटी हो जाती है। बाहर की मिट्टी वगैरह चिपकने से स्किन के पोर्स बंद होने शुरू हो जाते हैं और इसी के चलते आपकी त्वचा ठीक से से सांस नहीं ले पाती। नतीजतन शरीर पर रिंग वॉर्म यानी दाद-खाज, रैशेज, दाने, घमौरियां व पैरों और नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन होना आम बात है। इसी तरह बालों में भी चिपचिपाहट, स्कैल्प में फंगल इन्फेक्शन, डेंड्रफ, खुजली, बाल झड़ने के साथ ही उनके रूखे-बेजान होने की समस्या देखने को मिलती है। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि मानसून के दौरान बने नमी युक्त वातावरण में इनकी केयर की जाये।

क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग

मानसून में चेहरे को साबुन या फेसवॉश से धोना या क्लींजर से साफ करना ही काफी नहीं है। स्किन को हैल्दी व शाइनी बनाने के लिए जरूरी है- सीटीएम प्रोसेस फॉलो करने की। सीटीएम में 3 प्रोसेस होते हैं- क्लींजिंग, टोनिंग और मॉश्चराइजिंग। सबसे पहले आप अपनी त्वचा के टैक्सचर के हिसाब से क्लींजर से साफ करें। फिर स्किन को क्रीम या फोम बेस्ड फेसवॉश से धो लें। इसके बाद यानी टोनिंग के दूसरे स्टैप में किसी अच्छे टोनर से स्किन को साफ करें। दरअसल, अच्छी गुणवत्ता से युक्त टोनर स्किन को पोषण प्रदान कर पीएच बैलेंस मेंटेन करने में मदद करता हैं। वहीं ऑयलीनेस और ड्राईनेस कम करता है। तीसरा स्टेप है- मॉश्चराइजराइजिंग। मानसून में स्किन चिपचिपी और ऑयली रहने के कारण मॉश्चराइजर न लगाना गलत है। दिन में अगर कोई दिक्कत हो तो रात को मॉश्चराइजर जरूर लगाना चाहिए। इससे स्किन हमेशा नमीयुक्त और सॉफ्ट बनी रहेगी।

सनस्क्रीन व एलोवरा जैल से प्रोटेक्शन

नमी व उमस के वातावरण के दौरान घर से बाहर निकलने से पहले अपनी स्किन पर सनस्क्रीन लोशन, एलोवरा जेल या स्किन का बचाव करने वाली क्रीम जरूर लगाएं। दरअसल, ये प्रोडक्ट 6-7 घंटे तक इन्फेक्शन से स्किन को प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं।

मुंहासों से बचाव सफाई के साथ

अपने चेहरे को मुंहासों, रैशेज से बचाने के लिए हमेशा साफ रखने की जरूरत होती है। इसके लिए आप डिस्इन्फेक्टिड टिशू पेपर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा दिन में कम से कम दो बार नहाएं जिससे इन्फेक्शन का खतरा कम हो सके। यहां खास तौर से बताने योग्य बात यह है कि मेकअप के लिए हमेशा ऑयली की जगह पाउडर बेस्ड प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करना चाहिये।

अनुकूल कपड़े और साबुन

स्किन की रक्षा के उपायों में शामिल है कि सूती और ढीले-ढाले कपड़े पहनें। ताकि आपकी स्किन सांस ले सके और इन्फेक्शन से दूर रहे। जहां तक हो सके कीटाणुनाशक सोप, पाउडर व बॉडी लोशन जैसे प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करें जो इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।

पैरों को रखें साफ-सुथरे

बरसात के मौसम में पैरों की नियमित सफाई करें। वहीं यह भी कि जितना हो सके अपने पैरों को हवा लगाएं। उन पर पाउडर डालें। इसके साथ ही खुले जूते या आरामदायक फुटवियर पहनें जिससे आपके पैरों को हवा मिलती रहे और वे सूखे रहें।

ऐसे बचें बालों की समस्याओं से

मानसून सीजन में चिपचिपे बालों की समस्या से बचने के लिए इनकी खास देखभाल जरूरी है। इस मौसम में सबसे जरूरी है कि आप अपने बालों को उनके टेक्सचर के मुताबिक नियमित रूप से शैंपू करें। इसके अलावा यदि बाल ड्राई हैं, तो कंडीशनर जरूर लगाएं। कंडीशनर लगाने के बाद बेहतर है कि बालों में कंघी करके धो लें। लेकिन इसमें भी खास तौर पर ध्यान रखने की आवश्यकता है।

लिव-इन सीरम भी फायदेमंद

कई बार ज्यादा कंडीशनर लगाने से बाल और ज्यादा ऑयली हो जाते हैं। इसलिए अगर आपके बाल ज्यादा डैमेज नहीं हैं यानी नॉर्मल बाल हैं, तो उन पर कंडीशनर के बजाय लिव-इन सीरम या कंडीशनर अप्लाई करें। शैंपू के बाद टॉवल से थोड़ा ड्राई करने के बाद अपनी हथेलियों पर लिव-इन सीरम की एक-दो ड्रॉप्स लेकर अपने बालों के शॉफ्ट या आखिरी छोर पर लगाएं और कंघी करें। नॉर्मल बालों के लिए बॉडी पर लगाया जाने वाले अच्छी क्वालिटी का मॉश्चराइजर भी लगा सकते है। यानी मॉश्चराइजर की गुणवत्ता अच्छी तरह से सुनिश्चित कर लेने के बाद ही उसे अपने बालों पर अप्लाई करें। दरअसल बेहतर क्वालिटी का मॉश्चराइजर आपके बालों के लिए अच्छे कंडीशनर का काम करता है।

नियमित ऑयलिंग और मसाज

बालों की नियमित रूप से ऑयलिंग और मसाज करें। बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी लेवल ज्यादा होने के कारण स्किन के पोर बंद होने के कारण बालों की रूट्स कमजोर हो जाती हैं। इसके लिए नियमित रूप् से ऑयलिंग, स्टीमिंग और हेयर-मास्क लगाएं। बनाना, एवोकाडो या ऑलिव ऑयल या आंवला, रीठा और शिकाकाई का हेयर मास्क घर पर ही बनाकर लगा सकते हैं। वहीं दिन में तीन-चार बार कंघी करें जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो और बाल में हवा लगने से इन्फेक्शन का खतरा न रहे।

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